नई दिल्ली। दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर! 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता से बेदखल कर दिया। भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जबकि अरविंद केजरीवाल की आप महज 22 सीटों पर सिमट गई।
सबसे बड़ी खबर आई नई दिल्ली सीट से, जहां खुद अरविंद केजरीवाल को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने हराया। चुनावी जीत के बाद प्रवेश वर्मा सीधे गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे, जहां जीत की रणनीति और आगे की राजनीति पर चर्चा हुई।
भाजपा की जीत के पीछे क्या?
विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की आक्रामक रणनीति, आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप और पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की लोकप्रियता ने इस चुनाव को भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया।
आप की हार के कारण
- केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप
- भाजपा की मजबूत चुनावी रणनीति
- आप के कुछ नेताओं की गिरफ्तारी और विवाद
- मोदी लहर और हिंदुत्व का मुद्दा
राजनीति का नया अध्याय
भाजपा की इस जीत के साथ दिल्ली में एक नया राजनीतिक अध्याय शुरू हो गया है। 1998 के बाद पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है, जो इस बात का संकेत है कि दिल्ली की जनता अब बदलाव चाहती थी।
अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि भाजपा दिल्ली को कैसे बदलती है और आम आदमी पार्टी इस हार के बाद खुद को कैसे पुनर्गठित करती है।