रायपुर, 12 फरवरी – छत्तीसगढ़ में महाकुंभ को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी के भीतर इस आयोजन को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने 13 फरवरी को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ स्नान के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्रिमंडल के सदस्यों, सभी विधायकों और सांसदों को आमंत्रित किया है। इस निमंत्रण को लेकर कांग्रेस में दो फाड़ की स्थिति बन गई है।
नेता प्रतिपक्ष नहीं जाएंगे, सात कांग्रेस विधायक तैयार
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने स्पष्ट कर दिया है कि वे महाकुंभ में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, सात कांग्रेस विधायकों ने इस आयोजन में जाने की सहमति जताई है। इससे पार्टी की एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का तंज
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा, “महाकुंभ धार्मिक आयोजन है, लेकिन दान-धर्म अपने निजी पैसे से होना चाहिए। धर्म-कर्म करने जाना है तो पहले मन की मलिनता दूर करें, फिर गंगा में डुबकी लगाएं, तभी लाभ मिलेगा।”
उपमुख्यमंत्री अरुण साव का बयान
वहीं, उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस मुद्दे पर कहा, “जो भी सनातन धर्म में आस्था रखते हैं, वे जरूर महाकुंभ जाएंगे।”
राजनीतिक हलकों में गर्माहट
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को लेकर कांग्रेस में अलग-अलग राय सामने आ रही है। इससे पार्टी के भीतर विचारधारा को लेकर असमंजस दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए यह मुद्दा कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।