राजनांदगांव। दशकों तक नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाने वाले राजनांदगांव जिले को आखिरकार नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही राजनांदगांव रेंज के अंतर्गत आने वाले कवर्धा और खैरागढ़ जिले भी नक्सल मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। यह अहम जानकारी आज राजनांदगांव रेंज के आईजी दीपक झा ने दी।
आईजी झा ने बताया कि अब राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा जिलों में नक्सली गतिविधियों का प्रभाव नहीं है और इन्हें नक्सल मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है। हालांकि, सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय पुलिस बल की तैनाती पहले की तरह जारी रहेगी।
राजनांदगांव जिला कभी छत्तीसगढ़ के सबसे संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाकों में गिना जाता था। वर्ष 2009 में यहां तत्कालीन एसपी स्व. विनोद चौबे सहित 32 पुलिसकर्मी नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। इसके अलावा, कुछ वर्षों पहले जिले के छुरिया थाना पर नक्सलियों ने हमला कर हथियार भी लूटे थे।
फिलहाल रेंज के अंतर्गत आने वाला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला अभी भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बना हुआ है। आईजी झा ने बताया कि नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य और केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाला फंड अब भी प्राप्त हो रहा है, जिससे सुरक्षा व विकास कार्यों को मजबूती मिल रही है।
राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा का नक्सल मुक्त होना क्षेत्र में शांति, विकास और जनजीवन की बहाली के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।