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चिरमिरी OCP में चला चाकू, सर – गला – कंधे सहित हाथ में आई गंभीर चोटे, पुलिस ने किया मामला दर्ज

** एसईसीएल चिरमिरी द्वारा बीते लगभग 8 माह से अपने उत्खनन किये कोयले स्टोर को बेचने का किया जा रहा है कार्य, बहार से आये ट्रक मालिकों एवं स्थानीय युवाओं द्वारा आये दिन पैसे की अवैध वसूली के कारण होता रहा है विवाद, सुरक्षा का बना हुआ है आभाव, बड़ी घटना की ओर इशारा

कोरिया / चिरमिरी – शहर के बड़ाबाजार में एसईसीएल चिरमिरी द्वारा संचालित चिरमिरी ओसीपी मे बीते बुधवार की रात्र लगभग 9 बजे शहर के कच्ची स्कुल के पास कपूर सिंह दफाई छोटी बाजार निवासी शंकर पिता खननु साबित उम्र लगभग 49 वर्ष जो शहर के ही राकेश ठेकेदार के यहाँ ठेका मजदूरी का कार्य करते हुए कोयला लोडिंग का कार्य कर रहा था। जिन्होंने सीटी कोतवाली चिरमिरी में गोदरीपारा निवासी चिंटू नमक एक युवक और उसके साथ आये अन्य दो लोगो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है की आरोपी द्वारा आये दिन रात होने के बाद अपने कुछ साथियों को लाकर शराब के नशे में पैसे की मांग की जाती है और गाली – गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी जाती है जिसके अंतर्गत बीते बुधवार को भी रात्रि लगभग 9 बजे उसके अपने दो साथियों के साथ शराब के नशे में चिरमिरी ओसीपी के बैरियर के अंदर अपनी मोटर साईकल क्रमांक CG.15.CQ.2441 से घुस कर विवाद किया गया और पैसो की मांग की गई पैसे नहीं देने पर चिंटू और उसके दो अन्य साथियों के द्वारा धारदार चाकू से कई बार हमला किया और उसके साथियों द्वारा डंडा लाठी से मार पीट की गई जिससे ठेका मजदुर शंकर सबिता के हाथ, सर, गला और पीठ में गंभीर चोटे आई है। आरोपी द्वारा के घटना के बाद अपनी मोटर साईकल से भाग कर अपनी जान बचाई गई। थाना प्रभारी चिरमिरी विनीत दुबे द्वारा प्रार्थी की शिकायत पर अपराध क्रमांक 434/17 की धारा 294, 323, 506, 34 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज करते हुए फरार आरोपियों की सरगर्मी से खोज बीन की जा रही है और घायल प्रार्थी शंकर को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार में भर्ती कराया गया है जहां उपस्थित चिकित्सकों द्वारा उसका इलाज किया जा रहा है।

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गौरतलब है की शहर में चिरमिरी ओसीपी के संचालन के बाद आये दीन बहार से आये ट्रक मालिकों पर स्थानीय युवाओं एवं कोयला माफियाओं द्वारा अवैध पैसो की मांग करते हुए विवाद किया जाता है। जो ट्रक चालक या मालिक उन्हें डर से पैसा दे देते है। उन्हें पूरी व्यवस्था दी जाती है और जो लोग पैसा नहीं देते उन्हें मारा पीटा जाता है। यही नही ट्रको में लोड कोयले की मात्रा कम कर दी जाती है और उन्हें चलता कर दिया जाता है ऐसे विवादों की कई बार ट्रक मालिकों एवं चालकों द्वारा लिखित शिकायत की गई है। लेकिन आज भी कार्यवाई का आभाव होने के कारण इन कोल माफियाओं के इरादे बुलंद बने हुए है।

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