रिपोर्ट / अनुप बड़ेरिया
** जिला चिकित्सालय ने जबरन बीमार वृ़द्व महिला को किया रेफर
** दो दिन से एम्बुलेंस मांगने पर मिली झिड़की
** हताश हो बीमार पत्नी को गोद में उठा निकला सड़को पर और फिर…
कोरिया / वो अपनी बीमार व दर्द से कराहती पत्नी को गोद में लेकर जिला चिकित्सालय से लेकर शहर की मुख्य सड़को पर चिल्लाता हुआ मदद के लिए गुहार लगाता रहा, पर लोग तमाशबीन बन कर उसकी मदद करने के बजाय मोबाइल हाथ में लेकर वीडियो बनाते रहे। जब मीडियाकर्मी को इसकी जानकारी हुई तो उसकी पहल पर अस्पताल प्रबंधन ने बीमार महिला को पुनः चिकित्सालय में भर्ती कराया।
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जी हां… बदइंतजामी व बेरूखी का यह पूरा मामला जिला चिकित्सालय बैकुन्ठपुर का है। जहां स्वास्थ्य सेवाओं के लगातार बेहतर करने के दावों के बीच में इस तरह दिल को झंझोर देने वाली घटना सामने आ रही है। श्रम व खेल मंत्री के गृह जिले में चिकित्सको की बेरूखी कोरिया के साथ पूरे छग राज्य को शर्मसार कर रही है। इस पूरी पटकथा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तैर कर कोरिया जिला की स्वास्थ्य सेवाओं को और कुख्यात बना रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जिले के सोनहत क्षेत्रांर्गत दुर्गम इलाके ग्राम बंशीपुर की आदिवासी महिला मानती बाई पिछले कई दिनो से शरीर में खून की कमी व पेट दर्द से पीड़ित थी। सोनहत में आराम न मिलने पर उसका पति महिला को उपचार के लिए लगभग तीन दिन पूर्व जिला चिकित्सालय बैकुन्ठपुर ले कर आया। लेकिन यहां भी उसका ढंग से इलाज नही हुआ और महिला का पेट दर्द लगातार बढ़ता रहा। जिससे वह दर्द के मारे जोर-जोर से कराहती रही। जिसे देख कर अस्पताल प्रबंधन से उसे बेहतर उपचार कराने के लिए रायपुर रेफर कर दिया। पर बीमारद व गरीब आदिवासी मानती के पति के पास उसको न ले जाने व न उपचार कराने के लिए पैसे थे। जिसके लिए उसने अस्पताल प्रबंधन से महिला को उपचार के लिए रायपुर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की। जिस पर अस्पताल प्रबंधन ने दर्द से कराहती महिला के लिए किसी प्रकार की कोई मदद मुहैया नही करायी। लगभग दो दिन वह चिकित्सको व अस्पतालकर्मियो के चक्कर काटता रहा। परंतु किसी का दिल नही पसीजा की कोई उसकी मदद करता। थक हार कर शनिवार को वह अपनी दर्द से कराहती पत्नी को गोद में लेकर चिल्लाते हुए अस्पताल परिसर से बाहर निकला। उसे चिल्लाते व गोद में कराहती महिला को देख सड़क पर चलने वाले तमाशबीन रूक कर किसी तमाशे के होने का इंतजार करने लगे। तो कुछ मोबाइल से वीडियो उतारने में लग गए। पति ने बीमार पत्नी का बीच सड़क में लिटा दिया। इसके बाद वह फिर गोद में लेकर गांधी पार्क तक आ गया व पेड़ के पास अपनी पत्नी को बैठा दिया पर इस बीच वह बीमार आदिवासी महिला दर्द से जोर-जोर से गुहार लगा रही थी पर तमाशा देख रही भीड़ में सब का दिल मानो पत्थर सा हो गया। इस बीच किसी ने मीडियावालो को इसकी जानकारी दी।
मीडियाकर्मियो के वहां पहुंचते ही पुलिस वाले और अस्पतालकर्मी भी आ गए। महिला के पति ने पत्रकारो को बताया कि उसके पास बाहर इलाज कराने के लिए पैसे नही हैं बावजूद इसके उसकी पत्नी को रायपुर रेफर कर दिया गया है व मांगने पर एम्बुलेंस या और कोई सुविधा नही दी जा रही है। बाद में पुलिसकर्मी व अस्पताल के स्टाफ महिला व उसके पति को जबरन चिकित्सालय ले गए। वहां महिला को उपचार के लिए पुनः भर्ती कराया गया।
बहरहाल प्रदेश के मुखिया के डॉक्टर होने के बावजूद राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओ का हाल किसी से छिपा नही है। जिला चिकित्सलय में ग्रामीण मरीजो से चिकित्सक, नर्स व स्टाफ द्वारा बदसलूकी किए जाने की घटना तो अब आम बात हो चली है।
