Advertisement Carousel

पहले सरकार समय पर वेतन दे इसके बाद ड्रोन लगा दे हमे स्वीकार है – शिक्षक संघ, समय पर वेतन नही प्रदेश के शिक्षक पंचायत हो रहे परेशान

अम्बिकापुर / समय पर वेतन नही मिलने से शिक्षाकर्मियों की नाराजगी बढती ही जा रही है। शिक्षाकर्मियों ने सरकार पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम हर आदेश मानने को तैयार हैं। संविलियन के बाद सरकार जो आदेश करना हो करे हम मानने को तैयार है … लेकिन इसके पहले स्कूलों की आधारभूत संरचना पर भी नजर डालने का कष्ट तो करे। स्कूलों की आधारभूत संरचना को दुरूस्त किए बिना बायोमेट्रिक लगाने का निर्णय गलत है।

छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरेन्द्र सिंह प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह एवं प्रदेश सहसचिव ऋषिकेश उपाध्याय ने सयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शिक्षाकर्मी प्रदेश शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। बावजूद इसके सरकार अभी भी समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था करने में लाचार है। आश्वासन के बाद भी संविलियन को लेकर सरकार की चुप्पी समझ से परे है। सरकार को पहले शिक्षाकर्मियों की जरूरतो पर ध्यान देने की जरूरत है। संविलियन और आधारभूत संरचना दुरस्त करने के बाद शिक्षा में स्वयं कसावट आएगी।

हरेन्द्र सिंह, रंजय सिंह ने बताया कि शासन की बायोमेट्रिक योजना का शिक्षाकर्मी विरोध नही कर रहे है। शिक्षको को इसकी उपयोगिता की अच्छी तरह से जानकारी है। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों और क्षेत्रों में नेटवर्क नहीं है। शालाओ में लैंड लाइन की भी सुविधा नहीं है। आज भी बहुत बड़ा क्षेत्र वाईफाई सुविधा से बहुत दूर है। ऐसे में बायोमेट्रिक की सफलता पर संदेह है।

पहले सरकार समय पर वेतन दे इसके बाद ड्रोन लगा दे हमे स्वीकार है – शिक्षाकर्मियों में कुछ रोचक चर्चा है कि  सरकार ने पहले शाला का समय बढ़ाया। अब बायोमेट्रिक्स मशीन लगाने का फैसला किया है। अच्छा है…सरकार को लगे कि स्कूलों में मोबाइल टावर खड़ा करना है करे..हमें किसी प्रकार का एतराज नहीं हैं। लेकिन यह सब करने से पहले पिछले तीन महीने की पगार तो दे दे। सरकार संविलियन के बाद बायोमेट्रिक्स की जगह ड्रोन कैमरा लगाए हमे कोई एतराज नहीं होगा।

सभी कर्मचारियों को हो कास्मास अनिवार्य – शिक्षक संघ के नेताओ ने कहा कि हम कामचोर नहीं है। हमने इस बात को  हमेशा साबित किया है। हम कास्मास टेबलेट का भी विरोध नही कर रहे हैं। हमारा काम पढ़ाने का है… इस बात को हम अच्छी तरह से जानते हैं। बार बार अपमानित करना ठीक नहीं। फिर भी हम अपमानित होने को तैयार हैं लेकिन इसके पहले छतीसगढ़ सरकार सभी शिक्षाकर्मियों को शिक्षको की सुविधाएं तो दे। राज्य के सभी नौकरी पेशा वालों पर भी कास्मास अनियावर्य किया जाए। शिक्षाकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार अनुचित है। संघ सरकार के सौतेले व्यवहार का विरोध करता है। हम सरकार से अपील करते हैं कि कास्मास राज्य के सभी कर्मचारियों पर लागू हो।

error: Content is protected !!