00 मेरी दुकान चाहे जितनी में बेचू समान – ठेकेदार
00 बिहार राज चलेगा जो करना है कर लो – ठेकेदार
00 पीट पास दिए बगैर पैसे मांगने का आरोप लगा रहे परिवहनकर्ता
00 3 घन मीटर का 1300 और 4 घन मीटर का 2200 रुपए देना पड़ रहा है साहब – वाहन मालिक
कोरिया / कोरिया जिले में रेत के दाम नीलामी परिक्रिया के बाद आसमान छू रहे हैं। ठेकेदार की दादागीरी रेत की कीमत को सोना बनाने में तूल गए हैं। यही वजह हैं कि सरकारी निर्माण के साथ ही साथ निजी भवन का निर्माण करना कोरियावासियों के लिए फिलहाल महंगा हो गया हैं।
दरअसल ई टेंडरिंग के जरिए खदानों की नीलामी के बाद से रेत के दाम पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और रेत ठेकेदार इसका फायदा उठा रहे हैं। वे रॉयल्टी के नाम पर मनमानी रकम वसूल रहे हैं।
उक्त मामले को लेकर रेत परिवहन से जुड़े वाहन संचालक कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन सहित मिलकर अपनी परेशानी बताई हैं पर सुनवाई नही होने से वे हताश – निराश हैं।

बता दे कि कांग्रेस सरकार ने नदियों से रेत खनन के नियमों में परिवर्तन कर ठेका प्रणाली लागू कर दी है, जिससे अब नदियों पर ठेकेदार के लोग 24 घंटे निगरानी करने लगे हैं। ऐसे में बिना रॉयल्टी के अवैध ढंग से रेत खनन और परिवहन के काम से जुड़े लोगों को अब नदियों से रेत खनन करने के लिए ठेकेदार से अनुमति – रॉयल्टी अदा करनी हैं। इस स्थिति में रेत के खनन और परिवहन का खर्च बढ़ गया हैं। चुकी अब रेत की कीमत नदी का ठेका लेने वाला ठेकेदार तय करने लगा है। इस नए नियम से इस काम से जुड़े लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वाहन मालिकों ने बताया कि उन्हें ठेकेदार द्वारा जो रसीद दिया जाता हैं, उसमें मूल्य अंकित नहीं होता हैं, मनमानी – अनाब सनाब पैसे वसूली किए जाते है और आज 3 घन मीटर का 1300 और 4 घन मीटर का 2200 रुपए देना पड़ रहा है। अलग से भाड़ा जोड़ने पर ग्राहक को वह रेत 3 हजार से 5 हजार तक में पड़ता हैं। ठेकेदार नियमतः पैसे लेने को तैयार नही होता, शिकायत की बात करो तो कहता हैं जहाँ जाना है जाओ ये मेरी दुकान हैं चाहे जितनी में बेचू समान। यहाँ अब बिहार राज चलेगा जो करना है कर लो। परिवहनकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि पीट पास दिए बगैर वो ये पैसे मांगते हैं।

आपको बता दे कि सरकारी रेट के बावजूद ठेकेदार वाहन चालकों से मनमाने तरीके अधिक दर पर रेत बेच रहे हैं। जबकि सरकार ने रेत नई नीति बनाते हुए एक घन मीटर का 108 रुपए रेट भी निर्धारित किया है। लेकिन कोरिया में ठेकेदारों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि ठेकेदार सभी वाहनों से दोगुना – तीनगुना पैसा वसूल रहे हैं। शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर रहा हैं। इसलिए भी जिला प्रशासन को परिवहनकर्ता संदेह के नजर से देख रहे हैं।


अब कल की ही बात ले ली जाए तो बता दे कि परिवहनकर्ता और ठेकेदार कल आपस मे भिड़ते – भिड़ते ही बचे। मामला चिरमी बछरापोड़ी रेत खदान का हैं जहाँ रेत लोडिंग के दौरान जमकर हुज्जतबाजी हुई, यहाँ तक कि पुलिस को भी घटना स्थल पर आना पड़ा। वजह रही कि पीट पास दिए बगैर ठेकेदार द्वारा पैसे की मांग की गई और वो भी निर्धारित मूल्य से काफी ज्यादा, उसके बाद ठेकेदार और परिवहनकर्ता दोनों ने आपस मे बैठ विचार विमर्श कर लगातार बढ़ रहे खींचतान का हल निकालना चाहा। काफी देर चले इस बैठक में परिवहनकर्ता ठेकेदार को पीट पास के अलावा अलग ऊपर से पैसा देने को इंकार कर दिए और नियमतः वाहन चलाने की बात पर अड़े रहे। मामला नही सुलझता देख बैठक समाप्त करनी पड़ी तभी पत्रकारों द्वारा ठेकेदार से मामले पर सवाल किया गया तब उसने बताया कि अभी पीट पास समाप्त हो गया है जल्द ही पीट पास ले लिया जाएगा। जिसके बाद चिरमी रेत खदान में लगे 5 हाइवा वाहन को पुलिस ने जाने दिया। यह पांचों वाहन बैकुण्ठपुर के रहे, पैलेश पहुँचते तक एक वाहन मात्र घड़ी चौक पहुची ही थी कि उसे एक सिपाही ने यह कह कर सिटी कोतवाली में खड़ा करवा लिया कि टीआई साहब बोले है गाड़ी थाने में खड़ा करो। हाइवा वाहन के ड्राइवर ने पुलिस के कहे अनुसार थाने में गाड़ी खड़ा कर दिया, वाहन मालिक ने टीआई कोतवाली से मिलकर जब यह जानना चाहा कि सर गाड़ी क्यों पकड़ी गई है तब जवाब आया कि गाड़ी का कागज ले आओ सुबह छोड़ दी जाएगी।
खैर खनिज विभाग तो कोरिया जिले में है ही नही शायद… यही वह बड़ी वजह है कि स्थानीय विधायक और थानेदार को रेत वाहन पकड़ने की जरूरत पड़ रही है।
शैलेश शिवहरे, भाजपा जिला उपाध्यक्ष – भाजपा के जिला उपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने कहा कि ठेका प्रणाली लोगों का राहत देने और अवैध खनन को रोकने के लिए की गई है ना कि वाहन मालिकों और उपभोक्ताओं को लूटने के लिए। इसका विरोध किया जाएगा।
अंबिका सिंहदेव, संसदीय सचिव – ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था कि… रेत की रायल्टी की दरों को लेकर प्रशासन और ठेकेदार से चर्चा करने की बात कही है। उन्होंने कहा बेवजह दरों में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए, जो दर सरकार द्वारा निर्धारित है, उस दर पर लोगों को रेत मुहैया होनी चाहिए।