रिपोर्ट / राकेश सिंह / 09753486167
कोरिया / कोल इण्डिया की मनीरत्न कम्पनी Secl अपने श्रमिको तक मुलभुत सुविधा पहोचाने की लाख दावे करे पर हकीकत में वो दावे सिर्फ कागजी होते है जिसका जीता जागता उदाहरण इस चिरीमिरी इलाके की तमाम कालरी में देखने को मिलाता है जहाँ चारो तरफ गंदगी पसरी हुई है जिसके साफ – सफाई के नाम पर secl करोडो रूपये कागजो में प्रति वर्ष फुक देता है इसके बावजूद समस्या जस से तस बनी हुई दिखाई पड़ती है।
यह मामला कोरिया जिले के secl चिरीमिरी की शाखा वेस्ट चिरीमिरी, बरतुंगा, डोमनहील, एन सी पी एच कालरियों का है जहाँ लगभग निवासरत हजारो श्रमिक परिवार के लोगो को secl प्रबंधन द्वारा काफी समय से छला जा रहा है यु तो Secl श्रमिको तक मुलभुत सुविधा पहोचाने की लाख दावे करता है पर हकीकत में वो दावे सिर्फ कागजी होते है जिसका जीता जागता उदाहरण इन कालरी क्षेत्रों में देखने को मिलाता है जहाँ चारो तरफ गंदगी पसरी हुई है इन इलाको मे गाजर घास और बेशरम ने इस इलाके में अपना पैर जमा रखा है यही नाजरा श्रमिक कलोनीयो के पीछे का भी है जहां सेप्टि टैंक टूटी हुई है नालियाँ जाम है यह वही गंदगी है जिसके साफ सफाई के नाम पर secl करोडो रूपये कागजो में प्रति वर्ष फुक देता है इसके बावजूद समस्या हमेशा की तरह अाज भी जस से तस बनी हुई है, बहरहाल न जाने secl कब कुम्भकरनीय नींद से जाग श्रमिको के हित में सार्थक पहल करेगा और श्रमिको की समस्या को दूर करेगा।
वर्षो से जमे ठेकेदार – कोल इण्डिया की मनीरत्न कम्पनी Secl चिरीमिरी मे ऐसे दर्जनों ठेकेदार है जो लगभग पिछले 20 वर्षो से एक ही काम करते अा रहे है इलाके के ठेकेदारों ने अापस मे समजस्य बना रखा है और कोई किसी के कार्य मे हस्तक्षेप नही करता, मसलन जो अाज गाजर घास और कालोनियों मे पोताई का काम कर रहा है वो लंबे समय से कर रहा है नालियों की सफाई या अन्य कार्य सभी ने बाट रखा है। अधिकारी कभी भी कार्य देखने नही जाते उन्हें तो सिर्फ अपनी कमीशन मिलना चाहिए, तो अब ऐसे मे सफाई कैसे हो।
मोदी का सपना चूर – पुरे देश मे प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने का आह्वान किया था, पर चिरीमिरी secl को शायद साफ-सफाई पसंद नही, यही कारण है की लाखो रुपये खर्च कर भी secl इलाके को साफ औऱ स्वच्छ चिरीमिरी नही बना पा रही है।
