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एच. के. मिश्र ने उड़िया भाषा में रामचरित मानस का अनुवाद कर एक नया कीर्तिमान रचा

०० मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया विमोचन 

०० चिरमिरी उत्कल समाज के पुरोधा एच. के. मिश्र ने उड़िया में किया रामायण का अनुवाद

०० एच. के. मिश्र ने इसका श्रेय अपने दिवंगत माता और चिरमिरी की जनता को दिया 

कोरिया – चिरिमिरी / छत्तीसगढ़ के कोयलांचल नगर चिरमिरी में लगभग सभी धर्मों के विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजनों, धार्मिक अनुष्ठानों एवं अन्यान्य धार्मिक मंदिर, मठों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और चर्चों के स्थापना से चिरमिरी आस-पास के अंचलों में एक धार्मिक शहर के रूप में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर और कालीबाड़ी सहित दूसरे स्थापित आस्थावान धार्मिक स्वरुपों वाले इस नगर की धार्मिक पृष्ठभूमि के मजबूत आधार को अब चिरमिरी उत्कल समाज के पुरोधा वयोवृद्ध एच के मिश्र ने उड़िया भाषा में रामचरित मानस का अनुवाद कर एक कीर्तिमान रचा है। इससे निश्चय ही क्षेत्र के उत्कल समाज सहित सम्पूर्ण चिरमिरी का गौरव और मान बढ़ा है।

          img-20161016-wa0287 इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए चिरमिरी ननि. महापौर के. डोमरू रेड्डी ने तुलसी रामायण के उड़िया अनुवादक एच के मिश्र जी से एक सौजन्य मुलाकात कर, उन्हें उनके इस अमूल्य और अतुल्य योगदान के लिए आभार जताते हुए इसे चिरमिरी के लिए एक बहुत पूण्यजनक सौभाग्य माना है। इसी सन्दर्भ में आगे जानकारी देते हुए श्री मिश्र ने स्वयं newspage13 को बताया कि इस बहुमूल्य किताब का अनुवाद उन्होंने सन 1957-58 में अपने माताश्री स्वर्गीय श्रीमती भगवती देवी के लिए उनके प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीकृत श्री रामचरित मानस का उड़िया अनुवाद करने का निश्चय किया था और पहले अयोध्या काण्ड का अनुवाद किया, फिर बाद में माँ को यह खण्ड पसंद आने के बाद माँ के ही कहने पर मिश्र जी ने सम्पूर्ण रामायण का चौदह अक्षरी में उड़िया अनुवाद किया। माँ के दिवंगत हो जाने के बाद यह हस्तलिखित किताब उसी रूप में था। फिर परिवार के नए पीढ़ी के पोता-पोतियों के अपने पैर पर खड़ा होने के बाद उनकी कनिष्ठा कन्या श्रीमती चारुलता बिरतिया (मिश्र) के विशेष रूचि से सबने इस अमूल्य धरोहर को पुस्तक के शक्ल में छपाने का निर्णय लिया, जिसके बाद किताब इस शक्ल में आज समाज के समक्ष प्रस्तुत है। श्री मिश्र ने बताया कि इस पुस्तक का विमोचन विगत दिनों रायगढ़ में धर्मगुरु स्वामी श्री सत्यप्रज्ञानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में आयोजित श्री श्री विष्णु महायज्ञ के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केन्द्रीय मंत्री विष्णु साय, नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल, महिला बाल विकास मंत्री रमशीला साहू सहित जगत गुरू सरस्वती जी महाराज, कल्याण बाबा सहित अन्यान्य धर्म गुरुओं के हाँथो संपन्न हुआ है। श्री एच के मिश्रा ने इस पुनीत कार्य का श्रेय अपने दिवंगत माता और चिरमिरी के जगन्नाथ भक्तों को समर्पित किया है।

                img-20161016-wa0415महापौर के. डोमरू रेड्डी ने बताया कि एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्मे इस असाधारण व्यक्ति का समाज के प्रति गहरा प्रभाव हमेशा से रहा है। चिरमिरी जगन्नाथ मंदिर के निर्माण में संस्थापक सदस्य से मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा तक के विभिन्न पायदानों पर इनका अमिट छाप एवं योगदान के लिए इन्हें नए पीढ़ी में भी सम्मान के दृष्टिकोण से देखा जाता है। साथ ही अपने युवा अवस्था से श्रमिक आंदोलन में नेहरू कैबिनेट के श्रम मंत्री रहे स्व. रतन कुमार मालवीय और न्यायाधिपति गुलाब गुप्ता जैसे गुणवान लोगों का आशीर्वाद और स्नेह भी इनके साथ रहा है।

 
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