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अगर आप बच्चा गोद लेना चाहते है तो कानूनी रूप से ही ले – आशीष गुप्ता

कोरिया / जिला बाल सरक्षण अधिकारी आशीष गुप्ता द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगो से अपील की गई है कि यदि कोई भी व्यक्ति बच्चा गोद लेना चाहते है तो शासन की गाईड लाईन अनुसार बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया पूर्ण करे व लोगो को सावधान करते हुए बताया है कि किसी संस्था अस्पताल या व्यक्ति द्वारा बच्चा अवैध रूप से गोद लेना या देना बाल अधिकारों का तह्त कानूनन अपराध है तथा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख संरक्षण) अधिनियम 2015 के अन्तर्गत तीन वर्ष तक की कैद 1 लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनो का प्रावधान है।

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आगे बताया कि किसी बच्चे को गोद लेना एवं गोद देने की प्रक्रिया को जिले मे नियम कानुन अनुसार प्रभावी रूप से लागू करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। दत्तक ग्रहण के संबधित मानक दत्तक ग्रहण में विनियम 2017 प्रवृत्त किया गया है, जिसके अन्तर्गत भावी दत्तक माता पिता उनके धर्म पर ध्यान दिये बिना किसी अनाथ/परित्यकता/समर्पित/त्यागा अभ्यर्पित (छोड़ा हुआ) बालक के दत्तक ग्रहण का विचार कर रहे ऐसे व्यकित को महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय की बेबसाईट www.cara.nic.in पर लागीन कर केयरिगन में निःशुल्क आनलाईन पंजीयन करा सकते है। पंजीयन के 30 दिन के अन्दर आवश्यक दस्तावेज अपलोड किया जाना होता है, पंजीयन की स्थिति आन लाईन प्राप्त होने वाली यूजर आईडी एवं पासवर्ड के माध्यम से देखी जा सकती है। आवेदन में चाहे तो आवश्यक संषोधन भी किया जा सकता है। प्रक्रिया के संबध मे भी इस बेब साईड मे विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है यदि और कोई कम्प्यूटर का उपयोग नही करना जानता तो जिला बाल संरक्षण इकाई से सम्पर्क कर अपना आवेदन आनलाइन कर सकता है। साथ ही इच्छुक दत्तक माता -पिता जिस राज्य के बच्चे गोद लेना चाहते है उसका विकल्प भी रहता है, ज्येष्ठता के आधार पर माता-पिता का केयरिंग के माध्यम से उनके विकल्प अनुसार एक या एक से अधिक से वरीयता क्रमानुसार तीन बालको तक के विवरण अवलोकन करने का अवसर दिया जायेगा। जिसमें बच्चों के फोटो बाल अध्ययन रिपोर्ट एवं चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट शामिल होगी, बच्चेां का विवरण अवलोकन करने के पश्चात भावी दत्तक माता पिता 48 घंटे के भीतर एक बच्चे को आनलाईन आरक्षित कर सकते है। बच्चे को आरक्षित करने की तिथि 20 दिनो के भीतर मिलान की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है। मिलान के प्रक्रिया में दत्तक ग्रहण समिति भावी दत्तक माता पिता के माध्यम से प्राप्त विवरण तथा उनसे भेट कर उनकी उपयुक्तिा का मुल्याकंन करेगी यदि दत्तक ग्रहण समिति भावी दत्तक माता पिता का चयन नही करती है तो इसका कारण केयरिंग में अभिलिखत किया जायेगा मिलान की प्रक्रिया में भावी दत्तक माता पिता गोद लिये जाने वाले बच्चे से भेंट कर सकेगें बालक की चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट अपने पंसद के डांक्टर से परीक्षण करा सकते है। यदि भावी दत्तक माता पिता आरक्षित किये गये बालक को स्वीकार नही करते है, अथवा दत्तक ग्रहण समिति उन्हे उपयुक्त नही पाती है तब वे ज्येष्ठता की सूची मे सबसे नीचे आ जायेगे।

उन्हे नये वरीष्ठता क्रमानुसार पुनः अवसर प्राप्त होगा। भावी दत्तक माता पिता द्वारा गोद लिए बालक को स्वीकृत तारीख से 10 दिनो के भीतर बचत पत्र देने के बाद बालक को दत्तक ग्रहण पूर्व पालन मे दिया जा सकेगा। प्रक्रिया के अन्तिम चरण में दत्तक ग्रहण एजेेसी द्वारा वैधानिक प्रमाण पत्र हेतु याचिका फाईल की जायेगी। जिसका निपटारा न्यायालय 2 माह के भीतर कर देगा।

किशोर न्याय (बालको के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 80 के अनुसार इस अधिनियम मे उल्लेखित प्रावधानो या प्रक्रियाओ का अनुसरण किये बिना यदि कोई व्यक्तिया संगठन किसी अनाथ परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक को दत्तक ग्रहण के उद्देश्य से लेता है या प्राप्त करता है या ऐसी पेशकस करता है तो वह तीन वर्ष तक के कारावास या 1 लाख रूपये जुर्माने या दोनेा से दण्डित किया जा सकेगा, यदि कोई अनाथ अथवा परित्यक्त बालक कही मिलता है, तो उसे कोई व्यक्ति सीधे दत्तक अथवा अपने पास अभिरक्षा में नही रख सकता है, किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 32 के अनुसार परित्यक्त, गुमशुदा, निराश्रित, अनाथ पालक के संबध में 24 घण्टे के भीतर निकटतम पुलिस थाने/बाल कल्याण समिति/चाईल्ड लाईन 1098/ जिला बाल संरक्षण इकाई/ या पंजीकृत बाल देखरेख संस्था को सूचना दिया जाना अनिवार्य है, सूचना नही दिये जाने को अधिनियम धारा 35 के अधीन अपराध माना गया है तथा इसके लिए अधिनियम धारा 32 के अनुसार समबन्धित व्यक्ति को छःमाह का कारावास अथवा 10 हजार रूपये के जुर्माने से या दोनेा से दण्डित किया जा सकता है।

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