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कुमार साहब के नक्शे कदम पर चल रहीं बेबी साहिबा, बड़ी आत्मीयता से मिल रहीं कोरिया पैलेस की अम्बिका सिंहदेव

रिपोर्ट / अनुप बड़ेरिया
** ग्रामीण अंचलो के लगातार दौरों से मिलने लगा जन सर्मथन

कोरिया / छग विधानसभा 2018 के चुनाव की सुगबुगाहट अब हौले-हौले सुनाई देने लगी है। बैकुन्ठपुर विधानसभा में कोरिया पैलेस की अम्बिका सिंहदेव उर्फ बेबी साहिबा के लगातार ग्रामीण व शहरी इलाको के दौरो ने कांग्रेस पार्टी के दावेदारो के साथ विपक्षी खेमों को भी हैरत में डाल दिया है। लगातार दौरो से अब लोग जब उन्हे पहचानने लगे है तो ऐसे में स्वभाविक है कि श्रीमती अम्बिकादेवी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है।

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विदित है कि कांग्रेस द्वारा डां. रामचंद्र सिंहदेव के बाद वेदांती तिवारी को लगातार दो बार विधासभा का टिकट दिया गया लेकिन दोनो बार वह चुनाव हार गए। इसके पहले यह सीट लगातार कांग्रेस के पास रही है। स्वयं कोरिया कुमार 5 बार कांग्रेस से व एक बार निर्दलीय प्रत्याषी के रूप में अपराजेय रहे है। लेकिन पिछले दो बार से यह सीट भारतीय जनता पार्टी के भईयालाल राजवाड़े के पास है। यहां बताना जरूरी होगा कि बैकुन्ठपुर सीट की हार व जीत का असर पास की मनेन्द्रगढ़ व भरतपुर-सोनहत सीट पर भी पड़ता आ रहा है। पहले बैकुन्ठपुर सीट जीतने के साथ कांग्रेस मनेन्द्रगढ़ सीट भी जीत लेती थी। लेकिन अब अब कोरिया में लगातार 3-0 से पिछड़ रही है। बैकुन्ठपुर विधानसभा सीट में कोरिया पैलेस के प्रभाव से इंकार नही किया जा सकता। इस सीट पर पैलेस का लगातार दबदबा रहा है पैलेस की वजह से ही कांग्रेस ने दोनो बार पैलेस सर्मथक वेदांती तिवारी को टिकट दिया। लेकिन पैलेस का न होने की वजह से वह चुनाव नही जीत सके। इसलिए कांग्रेस को लगता है कि इस सीट को अब पैलेस का ही कोई वंषज वापस ला सकता है। इस लिए सीधी बात यह है कि डॉ. रामचंद्र सिंहदेव अब वयोवृद्व हो चले हैं तो अब पैलेस की ओर से उनकी भतीजी ब्रिटेन में निवासरत श्रीमती अम्बिका सिंहदेव को कुमार साहब के निर्देश पर कांग्रेस ने एक तरह से प्रत्याषी के रूप में प्रोजेक्ट कर दिया है। यही वजह है कि श्रीमती सिंहदेव गांव-गांव व गली- गली की डगर पर चल पड़ी है। उनके लोगो से मिलने के अंदाज व बात करने के सलीके से साफ लगा रहा हैं कि पर्दे के पीछे से अम्बिका देवी सिंहदेव के लिए डायरेक्टर की भूमिका कोई और नही बल्कि उनके काका साहब याने कोरिया कुमार ही निभा रहे है। जिस तरह डॉ. रामचंद्र सिंहदेव सुबह लगभग 8-9 बजे ही गांव के भ्रमण पर निकल जाते व देर रात को लौटते व ग्रामीणो से बड़ी आत्मीयता से मिलकर उनकी खेती किसानी के बार में पूछते, उनकी सब्ज्यि के ढे़र से मटर या टमाटर उठा कर खा लेत व उनका हाल-चाल जानकर आगे बढ़़ जाते। ठीक उसी प्रकार श्रीमती अम्बिका सिंहदेव की कर रही है। कड़ाके की ठंड में भी पैलेस के वफादार साथियो के साथ वह सुबह से देर शाम तक ग्रामीण व शहरी अंचलो का लगातार दौरो कर रही है। जिसका अपडेट वह कुमार साहब से कर थकान के बावजूद वह पुनः सुबह तरोताजा हो कर नए क्षेत्र के भ्रमण पर निकल जा रही है। लेकिन सौम्य व्यवहार के मामले में उन्होने कुमार साहब को पीछे छोड़ दिया है। जिस आत्मीयता से वह लोगो से मिल रही है। लोग उनके मुरीद होते जा रहे है। वह कांग्रेस के पुराने लोगो से मिलने के अलावा भाजपा के लोगो से भी मिल रही है। इतना ही नही अम्बिकादेवी कुमार साहब की तर्ज पर बैकुन्ठपुर के अलावा भरतपुर-सोनहत व मनेन्द्रगढ़ विधानसभा का भी लगातार दौरा कर रही है। जिससे जन मानस व कांग्रेसियो में यह संदेष भी जा रहा है कि वह सिर्फ चुनाव लड़ने के मकसद से ही नही बल्कि पूरे जिले में कांग्रेस को मजबूत करने के उद्देष्य ये आयी है। लगातार दौरे से वह अपना प्रभाव तो छोड़ रही हैं और ऐसा भी लगता है कि यहां कि जनता पैलेस के मोह से अभी तक नही निकल पायी है। राजा-महाराजाओ के प्रति अभी भी जनता का प्रेम नजर सा आ रहा है। अब देखना यह है कि बाहरी के मुदृदे को कांग्रेसी व विरोधी कितना हवा दे पाते है।

इतना तय है कि जिस प्रकार अम्बिका सिंहदेव सक्रिय है उनका चुनाव लड़ना तो फिलहाल तय ही नजर आ रहा है। भाजपा के भईयालाल राजवाड़े के लिए कितनी चुनौती वह प्रस्तुत कर पाती है यह भी भविष्य के गर्त में छिपा है। लेकिन आगे की डगर अम्बिका देवी के लिए कठिन साबित होगी यह तो तय है।

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