कोरिया / कोरिया जिले के कोयलधानी इलाके चिरिमिरी एसईसीएल क्षेत्र के एनसीपीएच कालरी आर 2 माइंस में कार्यरत श्रमिकों ने अचानक आज हंगामा करते हुए आंदोलन शुरु कर किया। जानकारी के मुताबित प्रबंधन ने चलती हुई खदान को बंद करने का बड़ा निर्णय लिया है। श्रमिकों का आरोप है कि पर्याप्त कोयला होने के बावजूद भी प्रबंधन खदान को बंद कर श्रमिकों को दूसरे खदानों में स्थानांतरित कर रहे है और यही नही प्रबंधक ने लगभग ढाई सौ श्रमिकों को चरचा कालरी भेजने का आदेश जारी भी किया है।
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आपको बता दे कि आज सुबह अचानक खदान बंद होने व श्रमिकों के स्थानांतरण की सुचना कर्मचारियों को जैसे मिली श्रमिकों में हड़कंप मच गया, सभी श्रमिक खदान के बाहर मजदुर एकता जिंदाबाद का नारा लगाने लगे। ज्ञात हो कि इस खदान में लगभग 223 मजदुर कार्यरत है, जिनका अचानक रातों-रात बिना किसी सुचना के तुगलकी फरमान के तहत सभी श्रमिकों को बैकुंठपुर क्षेत्र के कटगोड़ी में
स्थानारण कर दिया गया है। जिससे की सभी मजदूरों में आक्रोश बना हुआ है।
यह भी बाते सामने आ रही है कि आधे से अधिक मज़दूर यहाँ बीमारी से ग्रसित है, जिनका उपचार अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में चलता है। यहाँ तक की जो मजदुर मृत हो गए है, उनका ट्रांसफर लिस्ट में नाम है। इस विषय में जब क्षेत्र के एरिया पर्सनल मैनेजर से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि ऊपर से आदेश जारी हुआ है, की माइंस घाटे में चलने की वज़ह से यह निर्णय लिया गया।
देखने वाली बात यह है, की अचानक उतना बड़ा निर्णय लेना जबकि मजदूरों का कहना है, की चलता फिरता हुआ खदान है, जिसमें दो वर्ष का खदान चलने तक का कोयला भी है।
