कोरिया / चिरिमिरी – उत्कल समाज के पुरोधा कहे जाने वाले तथा जगन्नाथ मंदिर, चिरिमिरी के संस्थापक सदस्यों में से एक श्री एच. के. मिश्र का 86 वर्ष के उम्र में बीमारी के कारण निधन विगत दिन उनके निवास रायपुर में हो गया। इनका निधन क्षेत्र के मजदूर संगठन और कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ी अपूर्णीय क्षति है।
इन्होंने अपने सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक कार्यकाल में बहुत ही अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। कल उनका अंतिम संस्कार हल्दीबाड़ी भुरकुण्डी मुक्तिधाम में सम्पन्न हुआ।
जिनमें से धार्मिक कृतियों में चिताझोर पोड़ी का जगन्नाथ मंदिर निर्माण में उल्लेखनीय योगदान व सहभागिता तथा रामायण जैसे महाग्रंथ का उड़िया भाषा के चौदह अक्षरी में रूपांतरण कर समाज के समक्ष एक आदर्श जीवन प्रस्तुत किया है। इसके साथ ही साथ ये चिरिमिरी में रहने वाले उत्कलवासियों का प्रतिनिधित्व भी करते थे। एसईसीएल कर्मचारी के रूप में एनसीपीएच कालरी में कार्यरत् रहते हुए लम्बे समय तक श्रमिक संगठन में विभिन्न पदों पर रहकर श्रमिकों के हक में लड़ाई भी लड़ा है। एक संघर्षशील नेता के रूप में चिरिमिरी के वरिष्ठ कांग्रेसियों के अग्रिम पंक्तियों में भी श्री मिश्रा का नाम था। समाज में सामाजिक एकता और सादगीपूर्ण जीवन जीते हुए अपना ज़्यादातर जीवन समाज को समर्पित करने के कारण इन्हें शासन व प्रशासन के प्रतिनिधियों द्वारा भी समय-समय पर कई बार सम्मानित भी किया गया। स्वर्गीय एच. के. मिश्रा ने स्वच्छ व सादगीपूर्ण दिनचर्या के साथ काफी लम्बे समय तक अपने समस्त धार्मिक व राजनैतिक जिम्मेदारियों को निभाया, जिसके कारण प्रायः कांग्रेस के सभी भूतपूर्व व तात्कालिक नेताओं के साथ कार्य करने का अनुभव था।
