नई दिल्ली / एक फरवरी को आने वाले बजट की तैयारियां अंतिम चरण में है। कृषि, रोजगार, बुनियादी ढांचा और शिक्षा पर जोर रह सकता है। आम से लेकर खास लोगों ने बजट से कई उम्मीदें पाली हैं। लोगों की उम्मीदों को पूरा करना और देश की अर्थव्यवस्था को गति देना वित्त मंत्री के सामने सबसे बडी चुनौती है। हालांकि खुद पीएम मोदी साफ कर चुके हैं कि बजट न केवल देश के विकास को बढाने वाला होगा बल्कि आम आदमी की आशा आकांक्षाओं को भी पूरा करने वाला होगा। पीएम सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली साफ कर चुके हैं कि केंद्र सरकार के लिए कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास प्राथमिकता होगी।
ये बात तो साफ है कि गांव , गरीब किसान सरकार की प्राथमिकता में है। यही बात आर्थिक सर्वेक्षण में भी साफ हो चुकी है। सर्वे में साफ कहा गया है कि कृषि, शिक्षा और रोजगार पर सरकार का खास फोकस है। यानी कुल मिलाकर उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार बजट में खेती और गांवों के विकास के साथ ही ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उपायों की घोषणा कर सकती है।
कृषि पर जोर – कृषि प्रधान देश होने के नाते ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमारी आर्थिक प्रणाली का आधार है जिसके लिए सरकार तमाम कदम उठा रही है । 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार कुछ और कदमों का एलान कर सकती है। कृषि उत्पादकता में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए तमाम योजनाएं चल रही है और इसमें आगे और भी कदम उठाए जाने के आसार हैं ।
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे पर खर्च पर ध्यान – सरकार ने साफ कहा है कि उसका लक्ष्य 2019 तक हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ना है। इसके अलावा गांव में बिजली, शौचालय और इंटरनेट जैसे सुविधाएं पहुंचाने का सरकार ने लक्ष्य रखा है और इसके लिए बजट में कई कदम उठाए जा सकते हैं। बुनियादी ढांचे पर खर्च को बढ़ावा आर्थिक विकास में मुख्य भूमिका निभाएगा।
रोजगार पैदा करना – रोजगार सृजन मोदी सरकार के एजेंडे में है। नीति आयोग, पीएम की आर्थिक सलाहकार परिष्द और आर्थिक सर्वेक्षण सबने इस बात पर जोर दिया है। माना जा रहा है कि सरकार रोजगार पर एक नई नीति का खुलासा कर सकती है, जिसमें हर उद्योग में गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करने के लिए एक विस्तृत खाका होगा। नया कारोबार शुरू करने के लिए प्रोत्साहन देने पर भी जोर हो सकता है।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र – मोदी सरकार में अब तक बुनियादी ढांचा क्षेत्र को प्राथमिकता मिलती रही है। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत देश में सड़कों का जाल बिछाने की बात हो या सागरमाला के तहत बंदरगाहों का विकास, सरकार ने इस ओर भरपूर ध्यान दिया है। उम्मीद है कि सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ और कदम उठा सकती है जिससे न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि रोजगार में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
उद्योग जगत पर जोर – इसके बाद बारी आती है उद्योगों की। दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। कारोबारी सुगमता के लिहाज से भारत की रैंकिंग में हुआ सुधार वैश्विक उद्योगों का आकर्षण बढ़ा रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि वित्त मंत्री बजट में मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना जैसे अभियानों को गति देने की कोशिश करेंगे। लघु एवं मध्यम उद्योगोंको बढ़ावा देकर सरकार रोजगार की समस्या से पार पाने की कोशिश कर सकती है।
शिक्षा में सुधार – शिक्षा देश के भविष्य का आधार तय करती है। यही वजह है कि आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षा पर खास फोकस रखा गया है। सरकार शिक्षा के लिए बुनियादी सुविधाएं और संसाधनों को मजबूती देने के लिए कुछ कदमों का एलान कर सकती है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार विशेष रणनीति बना सकती है साथ ही निजी स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए अधिक प्रयास कर सकती है ।
नौकरी पेश लोगों को करों में राहत – सरकार का पूरा जोर कर देने वालों का दायरा बढ़ाकर कर राजस्व में बढ़ोतरी करने की ओर है और नोटबंदी ने इस ओर सरकार की मदद भी की है, ऐसे में उम्मीद है कि कर में छूट की सीमा का दायरा बढ़ाकर खर्च करने योग्य आमदनी बढ़ाई जा सकती है। जानकारों का कहना है कि इस बजट में टैक्स दरों में मामूली बदलाव संभव है।
बैंकों और दिवालिया कंपनियों को राहत – आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनियों और एनपीए से परेशान बैंकों को बजट से काफी उम्मीदें हैं । सरकार पहले ही 2.11 लाख करोड़ रुपये के बैंक पुनर्पूंजीकरण की बड़ी योजना का ऐलान कर चुकी है । माना जा रहा है कि दोनों के लिए बजट में कुछ और मदद की घोषणा हो सकती है ।
तेल पर मिले राहत – तेल की बढती कीमतें इस समय लोगों और सरकार के लिए चिंता की बात हैं । लोगों को उम्मीद है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी घटा कर सरकार लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत देगी ।
रियल इस्टेट को मदद – सरकार ने 2022 तक सबके लिए आवास का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। ऐसे में आवास और जमीन-जायदाद विकास क्षेत्र से जुड़े संगठनों और आम लोगों को सरकार से इस क्षेत्र को टैक्स में सहूलियत और कर्ज सस्ता करने की उम्मीद है ।
इसके अलावा निवेश बढाने और निर्यात बढाने के लिए सरकार कुछ कदमों का भी एलान कर सकती है। कुल मिलाकर बजट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, उम्मीद है कि आने वाले बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर अच्छा होगा।
