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महाराष्ट्र जिला प्रशासन आया कोण्डागांव मवाली मेला देखने, बस्तर के शिल्प को कहा अद्भुत

रिपोर्ट – विजय शर्मा
कोण्डागांव / जिला कलेक्टर निलकंठ टेकाम के निमंत्रण को स्वीकार कर महाराष्ट्र शासन जिला उस्मानाबाद के कलेक्टर राधाकृष्ण गमे ने कोण्डागांव जिले में चलने वाले ऐतिहासिक मेले को देखने अपने प्रतिनिधि के तोर पर यहां चल रहे काफ्ट मेले को देखने येगेन्द्र मोडक के साथ अपना प्रतिनिधित्व मंडल भेजा हैं। जो यहां बस्तर में चलने वाले इस मेले के साथ यहा आदिवासीयों की कला संस्कृति उनका रहन सहन को भी देख रहे हैं।

कलेक्टर को भेजा शाल श्रीफल और प्रतिक चिन्ह :-
उस्मानाबाद कलेक्टर ने अपने प्रतिनिधी मंडल के हाथों भेजी साल श्रीफल और प्रतिक चिन्ह।

बस्तर के शिल्प को कहा अद्भुत हैं यहां की कला :-
महाराष्ट्र से आये योगेन्द्र मोडक और उनकी टीम ने कोण्डागांव की शिल्प कला ढोकरा बेल मेटल क्राफ्ट कला को कहा अद्भुत हैं। यहां की कला और कलाकार उनके द्वारा बनाये गये शिल्प जो क्राफ्ट मेले में रखे गये थे। उनकी जमकर की सराहना देश विदेश में गये शिल्पकारों से भी मिले और कहा अपार संभावनाएं हैं। इस दौरान यहां शिल्प की शिल्पकारों के लिये बन रही शिल्पसीटी को भी देखा।

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क्यो खास है यहां की कला :-
योगेन्द्र मोडक और उनकी टीम ने कहा हमने देखा यहां के शिल्पकार अपनी संस्कृती को ही महत्व देते हुये उसी से जुडी शिल्पकला का निर्माण करते है। जैसे वो अपना जीवन यापन करते है। चाहे सल्फी का वृक्ष हो आदीवासी बाजार जाती हो बस्तर का दशहरा हो या मेला मंडई यही वजह है। इनकी कला पुरे देश में जानी पहचानी जाती है। हम जाकर वहा के प्रशासन से यहां के शिल्पकारो की बाते साझा करेंगे वहां के शिल्पकार आकर देखे यहां कैसे लोग अपनी संस्कृती को कला के शिल्पकला के साथ जीवन रखे हुये है।

निलकंठ टेकाम कलेक्टर :-
हमरे पुरे राज्य को न्यौता भेजा था वो आकर इस भवाली मेले के यहां की शिल्पकला को देखे महाराष्ट्र से आये प्रतिनिधी मंडल ने यहां को परम्परागत शिल्पकला को बारीकी से देखा है। आने वाले समय में यहां के शिल्पकला को इसका आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

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