Monday, June 30, 2025
पर्यटन / आस्था सिरोली के हनुमान चमत्कारी है... दायां पैर...

सिरोली के हनुमान चमत्कारी है… दायां पैर का थाह आज तक नहीं लगा सका कोई है इतना धसा हुआ ? देखें वीडियों…

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00 देश विदेश से भी लोग आते है हनुमान के चरणों में शीश नवाने
00 दक्षिण मुखी हनुमान के पुरातन मूर्तियों में से एक
00 कोरिया रियासत के राजा स्वर्गीय रामानुज प्रताप सिह्देव ने बनवाया मंदिर

कोरिया / शनि देव के कहर से राहत देने वाले बजरंग बली की पुरातन मूर्तियों में एक जिसके पीछे कई रहस्य छिपे है। एक हाथ सीने में तो एक हाथ सर पर और एक पैर अनंत भूतल में समाया हुआ है, जिसकी गहराई स्वय कोरिया रियासत के राजा स्वर्गीय रामानुज प्रताप सिह्देव भी सन 1923 – 24 में नहीं आक पाए। सिरोली के हनुमान मंदिर के नाम से प्रख्यात बजरंग बली की यह मूर्ति आज के युग में चमत्कार का जीता जागता प्रमाण प्रस्तुत करता है।


छत्तीसगढ़ कोरिया जिला मुख्यालय से 55 किमी0 दूर सिरोली ग्राम पंचायत में चमत्कारिक दक्षिण मुखी हनुमान जी की पुरानी मूर्ति स्थित है। वैसे तो देखने में हनुमान जी की सभी मुर्तिया एक जैसी ही लगती है पर सिरोली के हनुमान जी की मूर्ति की बात ही कुछ खास है। कहते है हनुमान जी की मूर्ति को राजा साहब कही और स्थापित कराना चाहते थे किन्तु उनकी यह लालसा कभी पूरी नहीं हुई जबकि मूर्ति को अन्यंत्र स्थापित कराने के लिए कोरिया के राजा साहब रामानुज प्रताप ने कई कोशिशे की, मजदुर लगवाए बहुत प्रयास किया पर हनुमान जी के एक पैर का थाह लगाने में असमर्थ रहे। स्थानीय लोग बताते है की उस दौरान जितना भी निचे खुदाई किया गया पर पैर का अंतिम हिस्से तक पंहुचा ही नहीं जा सका।

मान्यता है की पुरातन हनुमान जी की यह मूर्ति एक चरवाहे को दिखी थी जिसने राजा साहब को मूर्ति की वस्तुस्थिति से अवगत कराया था तभी से राजा साहब मूर्ति को कही और ले जाना चाहते थे पर वे सफल नहीं हो सके अंततः मूर्ति की स्थापना उसी स्थान में कर पूजा आरम्भ किया गया और तब से अब तक लगातार जारी है। मंदिर के पुजारी का भी दो वंश समाप्त हो गया है और स्वयं पुजारी भी 72 सालो से मंदिर में पुजारी की भूमिका में मौजूद है। पुजारी ने हनुमान जी के चमत्कारों को अपने सेवा दिनों में कई बार अनुभव और महसूस किया है। मूर्ति में हनुमान जी का एक हाथ सर पर तो एक हाथ छाती में है और एक दायां पैर जमीं में धसा हुआ है जिसकी गहराई का पता आज तक कोई नहीं लगा सका। सिरोली के हनुमान जी के प्रति लोगो की आस्था सालो से जुडी हुई है देश विदेश से भी लोग यहाँ आकर हनुमान जी के चरणों में शीश नवाते है।

भक्तो की आस्था किसी भी देव स्थल में उनकी मनोकामना पूर्ति पर निर्भर करता है और यह कारण सिरोली के हनुमान जी की मूर्ति की ख्याति को दूर दूर तक पहुचाती है। कहते यहाँ से किसी की मन्नत अधूरी नहीं रही जिसने जो माँगा वो पाया। यहाँ तक की नेता भी चुनाव में जितने का आशीर्वाद मांगते है। हनुमान जयंती के खास मौको पर रंक से राजा तक सभी हनुमान जी के सामने नतमस्तक रहते है। हनुमान जयंती पर मंदिर प्रागण में कई आयोजन किया जाता है और लोगो दूर दूर से आते है पुरे मेले जैसा माहौल आज के दिन बना रहता है। भोग भंडारे की भी व्यवस्था की जाती है जिसका आनंद सभी भक्त लेने पहुचते है। हनुमान जी कृपा ही सिरोली के हनुमान मंदिर का आधार है जो निरतर प्रगति पथ पर है।

लिंक में जाकर वीडियों देखें…

हनुमान मूर्ति का रहस्य और मूर्ति के उम्र का पता नहीं लगाया जा सका है पर कहते है की चमत्कार को ही नमस्कार किया जाता है तो इसमें कही कोई संदेह नहीं की सिरोली के दक्षिण मुखी हनुमान जी चमत्कारी है।

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