बीकानेर छतरगढ़ से पवन कश्यप की रिपोर्ट ….
छतरगढ़ कस्बे में गांव की गलियों और सड़कों को रोशन करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की महति योजना सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट से गांव की गलियों को जगमग करने के लिए करीब 4 साल पहले पूर्व ग्राम पंचायत की महिला सरपंच संतोष चांडक ने शुरूरत की थी। सरपंच ने सदर बाजार बीकानेर अनूपगढ़ राज्य राजमार्ग वह कस्बे के विभिन्न मोहल्लों में करीब 100 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खंबे भी लगवाए थे।
जिसमें सरकार का प्रति खंबे पर ₹50000 से अधिक राशि का खर्च आया था। लेकिन ग्राम पंचायत ने इन स्ट्रीट लाइटों को लगवाने के बाद इनकी सुरक्षा व्यवस्था की और कोई ध्यान नहीं दिया जिसके फलस्वरुप इन खंबों से बल्ब सौर ऊर्जा प्लेट सहित बैटरियां चोरों ने चुरानी शुरू कर दी लाइटों को लगाने के करीब 1 वर्ष के अंदर ही मात्र 10% खंबों को छोड़कर सभी लाइटें नकारा हो गई। धीरे – धीरे किसी खंभे से सौर ऊर्जा प्लेट किसी से बैटरी और किसी से बल्ब चुरा लिए गए। ग्राम पंचायत ने भी अज्ञात लोगों पर चोरी का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। लेकिन कस्बे के आमजनों को सरकार की इतनी महंगी योजना का कोई लाभ नहीं मिल सका। अगर ग्राम पंचायत इन्हें लगवाने के साथ-साथ इनकी सुरक्षा के भी कोई उपाय करती तो आज यह सभी सौर ऊर्जा से चलित स्ट्रीट लाइटें मोहल्ले की सभी गलियों को जगमग रोशन करते हुए नजर आती। अभी सदर बाजार के कुछ व्यापारियों ने मिलकर बाजार के बिजली के खंभों पर अपनी और से चंदा करके स्ट्रीट लाइट लगाने के प्रयास किए हैं। लेकिन कस्बे की संपूर्ण गलियों मोहल्लों चौराहों पर यह काम बिना ग्राम पंचायत के सहयोग से पूरा नहीं हो पाया है।
पंचायत के नागरिकों ने बताया कि वर्तमान ग्राम पंचायत अगर इस ओर रूचि लेकर नकारा पड़े स्ट्रीट लाइटों को भी ठीक करवा कर उनकी सुरक्षा के इंतजाम करती है तो सरकार का महंगा किया हुआ खर्च कुछ हद तक फिर से काम आ सकता है।