बलरामपुर-राजपुर से रंजीत सोनी / बलरामपुर जिले के राजपुर नगर पंचायत के विभिन्न वार्डो में चारो ओर नाली जाम, सीसी रोड जर्जर, स्ट्रीट लाईट बंद पड़ी हुई है। नगर पंचायत के द्वारा ध्यान नही दी जा रही है। नाली जाम, गाजर घांस, गंदगी फ़ैलने से मच्छर व कीड़े पनप रहे है। नगर पंचायत के द्वारा नाली में मच्छर दवाई की छिड़काव नही की जा रही है।
राजपुर नगर पंचायत का स्थापना 3 मई 2003 में हुई थी। नगर पंचायत स्थापना से आज तक नगर पंचायत में तीन पांच हो रही है। नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड है। नगर पंचायत स्थापना के बाद नगर पंचायत के विभिन्न वार्डो में विकास के लिए शासन से करोड़ो रुपए आए मगर विकास सही ढंग न होने के कारण नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में नाली जाम, सीसी रोड निर्माण जर्जर, गौरवपथ जर्जर, आधे से अधिक स्ट्रीट लाइट बंद पड़ा हुआ है। नगर पंचायत के नाली जाम होने के कारण सड़क पे पानी बहाव हो रहा हैं। चारों ओर गंदगी का आलम पसरा हुआ है। नगर पंचायत के वार्डो में मच्छरों के आलम पसरा पड़ा हुआ है। नगर पंचायत के द्वारा वार्डो में मच्छर मारने वाली दवाई तक छिड़काव नही की जा रही है, गाजर घास उगे पड़े हुए है।

नगर पंचायत आज तक विकास की बाट जोह रही है… राजपुर नगर पंचायत स्थापना से आज तक कितने नगर पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीएमओ बदले गए, मगर नगर पंचायत में जैसा पैसा खर्च हुआ वैसा विकास नही हो पाया। नगर पंचायत के जनता आज भी विकास की बाट जोह रही है।
राजपुर नगर पंचायत के वार्डो में चारो साईड गंदगी, गाजर घास उगा पड़ा हुआ है। साफ़- सफाई के लिए नगर पंचायत में प्रयाप्त कर्मचारी व स्वीपर भी तैनात है मगर नगर पंचायत मुख्यालय छोड़ बाहर रहना ही पसंद करते है। साफ- सफाई के बाद कचड़ा फेकने के लिए नगर पंचायत का ट्रैक्टर भी उपलब्ध है। आज नगर पंचायत में कचड़ा का अंबार पड़ा हुआ है। जिसे प्रशासन कागज़ों में स्वच्छ्ता में नंबर नव का एवार्ड दिया है।

नगर पंचायत में स्थानीय कर्मचारी होने के कारण सफाई नही हो पा रही है… राजपुर नगर पंचायत में सफाई कर्मी से लेकर कर्मचारी स्थानीय होने के कारण नगर पंचायत का सफाई नही हो पा रहा है। सफाई कर्मी से लेकर कर्मचारी अधिकांश मुख्यालय से बाहर रहना पसंद करते है। जिसका खामियाजा आज विभिन्न वार्डो के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
नगर पंचायत में आज तक नलजल योजना चालू नही हो पाई… नगर पंचायत के विभिन्न वार्डो में ग्रामीणों के लिए नलजल योजना के तहत करीब 9 करोड़ रुपए की लागत से पीएचई विभाग से जल आवर्धन योजना के तहत पानी टंकी बनाकर गेउर नदी से पानी की सप्लाई की जानी थी। मगर पानी टंकी खड़ा कर छोड़ दिया गया है। एक सफेद हाथी साबित हो रहीं है। नगर पंचायत वार्डवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही नगर के बस स्टैंड में यात्रीयों के सुविधा के लिए बनाए गए 9 लाख की लागत से वाटर एटीएम भी एक बुथ के समान खड़ा कर दिया गया है। वाटर एटीएम लगाने से पूर्व बस स्टैंड में एक सार्वजनिक हैंडपंप हुआ करता था जिससे यात्रियों की क्षणिक प्यास बुझ जाती थी लेकिन जब से 9 लाख की लागत से वाटर एटीएम को उस हैंडपंप के साथ जोड़ दिया गया है तब से यात्रियों को एक बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। लोग बाटल का पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं।
मामला प्रकाश में आया है नगर पंचायत का नाली व विभिन्न वार्डो में जल्द सफाई कराई जायेगी।
विजय सिंह – अध्यक्ष नगर पंचायत राजपुर
नगर पंचायत के कुछ वार्डो में नाली की सफाई कराई गई थी। डेली बाजार व पोस्ट ऑफ़िस के सामने पुलिया जाम होने के कारण मेन सड़क पे पानी बहता है। जल्द सफ़ाई कराई जायेगी। नगर पंचायत के विभिन्न वार्डो में मच्छर दवाई की छिड़काव की जायेगी।
बसंत बुनकर – सीएमओ नगर पंचायत राजपुर
