** प्रेमाबाग परिसर में हुआ आयोजन
कोरिया / प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी देवरहा सेवा समिति द्वारा श्रावण मास के अंतिम और चौथे सोमवार को भगवान भोलेनाथ का पूजन अभिषेक किया गया।
प्रेमाबाग परिसर में हुए इस आयोजन में भक्तों ने पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया था जिसके बाद श्रीधाम वृंदावन से पधारे आचार्य सुरेशानंद जी महाराज ने विधिपूर्वक पूजन, अभिषेक का कार्य सम्पन्न कराया। बड़ी संख्या में शामिल श्रद्धालुओं ने अभिषेक करते हुए भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस अवसर पर आचार्य सुरेशानंद जी महाराज ने कहा कि
हिन्दुओं का लिंग पूजन परमात्मा के प्रमाण स्वरूप सूक्ष्म शरीर का पूजन है। शिवलिंग दो शब्दों से बना है, शिव और लिंग। शिव का अर्थ है- परम कल्याणकारी और लिंग का अर्थ है- सृजन अथवा निर्माण। दूसरे शब्दों में शिवलिंग का अर्थ होता है- भगवान शंकर का अंग। शिव के वास्तविक स्वरूप से अवगत होकर जाग्रत शिवलिंग का अर्थ होता है- प्रमाण, वेदों और वेदान्त में लिंग शब्द सूक्ष्म शरीर के लिए आता है। आचार्य सुरेशानंद जी द्वारा बताए गए शिवपूजन के महत्व को भक्तों ने ध्यानपूर्वक सुना। पूजन व अभिषेक पश्चात भक्तिभाव से पार्थिव शिवलिंग का समीप के गेज नदी में विसर्जन किया गया।

इस अवसर पर देवरहा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेष शिवहरे, सोनू महराज, आशीष शुक्ला,बीएल सोनी, जय बाजपेयी, अनिल शर्मा, सुभाष साहू, विपिन जायसवाल,अन्नू दुबे, करण सिंह, नीरज पांडे, अमित श्रीवास्तव, अरविंद सिंह,राहुल मिश्रा, अतुल शुक्ला, रमन गुप्ता, आशीष यादव, विपुल शुक्ला, घनश्याम साहू, वसिष्ठ शर्मा, शैलेन्द्र शर्मा, बबलू जायसवाल, शशि श्रीवास्तव, अनिल खटिक, राजू गुप्ता, एम एल सोनी, हितेश सिंह, आयुष नामदेव, आनन्द सिंह, देवदत्त त्रिपाठी, रामजस सिंह समेत बड़ी संख्या में माताएं बहनें उपस्थित थीं।
