** 1983 में चिरमिरी साडा के पहले चेयरमैन गुलाब गुप्ता ने लाया था यह प्रस्ताव, तत्कालीन एमपी सरकार ने किया था प्रस्ताव पास
** 1985 में दूसरे चेयरमैन शशिभूषण अग्रवाल के कार्यकाल में हुआ था हुडको की स्वीकृति के बाद भूमि अधिग्रहण
** निगम के चुने हुए जनप्रतिनिधयों के अध्यन हेतु हरिद्वार टूर का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित
** प्रश्नकाल के दौरान सवालों का जबाब नही मिलने से नाराज विपक्ष ने किया हंगामा
** आसंदी के सामने जमीन पर बैठकर किया विरोध, विशेष सत्र बुलाकर जबाब देने के आश्वासन के बाद चली सत्र की आगे की कार्यवाही
कोरिया / चिरमिरी – विपक्ष के तीखे नोकझोंक और प्रश्नकाल में सवालों का उत्तर नही मिलने से नाराज विपक्ष को मनाते हुए महापौर के डोमरु रेड्डी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट मालवीय नगर में आवासीय कालोनी बनाकर चिरमिरी को स्थायित्व प्रदान करने सहित 10 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कराने में कामयाब हो गए, वहीं विपक्ष के तीखे विरोध व प्रस्ताव स्प्ष्ट नही होने के कारण दो प्रस्ताव उन्हें वापस लेना पड़ा ।
सोमवार को लगभग 12 बजे चिरमिरी नगर पालिक निगम की सामान्य सभा में चिरमिरी के स्थायित्व की दिशा में पहल करने वाला पहला प्रस्ताव मालवीय नगर में निगम द्वारा आवासीय कालोनी बनाकर आम नागरिको को उपलब्ध कराने सदन में पेश करते हुए महापौर के डोमरु रेड्डी ने कहा कि चिरमिरी के लोग यहां राजस्व की जमीन उपलब्ध नही होने के कारण नॉकरी से रिटायर होने के बाद रायपुर, बिलासपुर जैसे बड़े शहरो की ओर पलायन कर रहे है । इस पलायन को रोकने के लिए निगम के पास मालवीय नगर के प्रतीक्षा बस स्टेण्ड के पास उपलब्ध 21 एकड़ राजस्व की भूमि पर भवन निर्माण कर आम नागरिकों को विक्रय करने की योजना प्रस्तावित है ।
महापौर के डोमरु रेड्डी ने विपक्ष के एक सवाल का जबाब देते हुए कहा कि यहां आम नागरिकों को 100 रूपये प्रति वर्ग फ़ीट की दर से आवासीय प्लॉट लोगो के लिए उपलब्ध होगा । निगम द्वारा यहां एमआईजी, एचआईजी व एलआईजी स्टैंडर्ड का एक मंजिला आवास बनाकर दिया जायेगा जिसमे आगे आवास का स्वामी ऊपर की मंजिल पर निर्माण करा सकता है । इन आवासों की अनुमानित कीमत 9 से 14 लाख तक होगी ।
विपक्ष के एक अन्य सवाल का जबाब देते हुए महापौर के डोमरु रेड्डी ने कहा कि यह योजना काफी पुरानी है । इस प्रस्ताव को सबसे पहले चिरमिरी साडा के पहले चेयरमैन गुलाब गुप्ता ने 1983 में लाया था जिस पर तत्कालीन मध्यप्रदेश की सरकार ने पास कर दिया था । 1985 में चिरमिरी साडा के दूसरे चेयरमैन शशिभूषण अग्रवाल ने इसे हुडको से पास करा लिया था जिसके बाद इस योजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ हो गया था । इसके लिए उसी समय मालवीय नगर में 21 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया और सड़क व नाली निर्माण का कार्य भी प्रारम्भ हो गया था । लेकिन बाद में किन्ही कारणों से यह योजना अधर में लटक गई और फाइल आलमारी में बंद हो गई ।
इस प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष अयाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ पार्षद इंदु पनेरिया और एल्डरमैन श्याम बाबू खटिक व राजकुमार सिंह ने हिस्सा लिया । विपक्ष का मुख्य एतराज योजना के नाम को लेकर था । विपक्ष के सदस्य चाह रहे थे कि योजना का नाम रतन कुमार मालवीय के स्थान पर दादू लाहिड़ी के नाम पर रखा जाये । लगभग एक घंटे के गतिरोध के बाद महापौर के डोमरु रेड्डी द्वारा कालोनी का नाम दादू लाहिड़ी के नाम से करने के आश्वासन के बाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया । इसके साथ ही चिरमिरी नगर पालिक निगम के चुने हुए जनप्रतिनिधियो के अध्ययन टूर के लिए हरिद्वार जाने, स्वच्छ भारत मिशन के तहत चिरमिरी को स्वच्छता रेटिंग में थ्री स्टार का दर्जा देने, मांगलिक भवन हेतु 270 लाख की राशि स्वीकृत करने, शोकग्रस्त परिवार को महापौर श्रद्धाजंलि संबल योजना के तहत निःशुल्क 3500 लीटर पानी टैंकर से उपलब्ध कराने सहित 10 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया ।
सदन के प्रारम्भ में लगभग 11 बजे प्रश्नकाल के दौरान पार्षदों के पूछे गए सवालों का जबाब नही मिलने से विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया । महापौर के. डोमरु रेड्डी ने कहा कि सम्बंधित विभागों से जबाब नही आने के कारण जबाब देना संभव नही है । लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नही हुआ और नेता प्रतिपक्ष अयाजुद्दीन सिद्दीकी के नेतृत्व में आसंदी के सामने जमीन पर धरने में बैठ गया । तीन बार चेतावनी देने के बाद भी जब विपक्ष धरने से नही उठा तो सभापति कीर्ति बासो राउल ने पूरे विपक्ष को 5 मिनट के लिए सदन से निलंबित कर दिया । बाद में विशेष सत्र बुलाकर पार्षदों के सवालों का जबाब देने के सत्ता पक्ष के आश्वासन के बाद सदन की कार्यवाही दुबारा प्रारम्भ हुई ।
