00 भाजपा रमन के सहारे लगी डैमेज कंट्रोल में
शहडोल / ब्यौहारी विधानसभा सीट भले ही आरक्षित सीट है, लेकिन अब उसकी गिनती प्रदेश के हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जा रही है, सार्वधिक चुनावी मैनेजमेंट इसी सीट पर देखा जा रहा है, क्योंकि चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में आये शरद कोल को प्रत्याशी बना दिया गया, जिसके बाद पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं ने विरोध का बिगुल फूंक दिया था। पार्टी ने अधिकांश कद्दावर नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया, लेकिन अंतिम क्षणों में भी पार्टी को जीती की आशा नजर न आने पर प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को उनके ससुराल ब्यौहारी विधानसभा के ग्राम बुड़वा में डैमेज कंट्रोल के लिए उतार दिया गया है। देखना यह होगा कि रमन सिंह का प्रभाव पार्टी के लिए कितना कारगर साबित होगा।
रिंकू का डर तो नहीं – रविवार को ब्यौहारी शहर में दो रैलियों का आयोजन किया गया, जिसमें भाजपा छोड़ चुके रिंकू और उनके समर्थकों ने विशाल रैली निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया, वहीं भाजपा की ओर से यूपी सरकार के एक मंत्री का कार्यक्रम था, लेकिन उस दौरान न तो भीड़ इक_ा हुई और न ही कार्यकर्ता इक_ा हुए, आनन-फानन में बच्चों और महिलाओं को सामने लाया गया, लेकिन उसके बाद भी कार्यक्रम असफल ही रहा। कुल मिलाकर ब्यौहारी के नतीजे जो भी रहें, लेकिन वीरेश की ताकत ने ब्यौहारी के अलावा आस-पास के सीटों पर भाजपा की नींद जरूर उड़ा दी है।
जम्बो बजट के बाद भी हालत खस्ता – जम्बो बजट खर्च करने के बाद भी पार्टी को वह समर्थन नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते अंतिम दौर में रमन सिंह का सहारा लेना पड़ रहा है। जिससे की यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्यौहारी में ही अंतिम दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को मैदान में उतारा गया है, जबकि जैतपुर और जयसिंहनगर, अनूपपुर, कोतमा, पुष्पराजगढ़, बांधवगढ़ और मानपुर में कोई भी बड़े नेता का कार्यक्रम नहीं रखा गया है। जिससे की यह साफ जाहिर होता है कि ब्यौहारी सीट प्रदेश हाई प्रोफाइल सीट में सुमार हो गई है। भाजपा ने देर शाम नौरोजाबाद से कांग्रेस की पूर्व विधायक रही शकुंतला प्रधान को शहडोल भाजपा कार्यालय में पार्टी में शामिल कराकर यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि उन्होंने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगा दी, लेकिन उमरिया जिले में उनके भाजपा में शामिल होने से कोई भी फायदा नजर नहीं आ रहा है।
