दिल्ली / रेलवे और एयर इंडिया की टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों को चुनाव आयोग ने भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है। आयोग ने रेल मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर जवाब मांगा है।
आयोग ने पूछा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी रेल टिकट से प्रधानमंत्री की तस्वीरें क्यों नहीं हटाई गई और तस्वीर लगी हवाई यात्रा पास क्यों जारी की गई! चुनाव आयोग ने मंत्रालयों से तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की तस्वीरों के साथ बोर्डिंग पास जारी करने को लेकर एयर इंडिया की आलोचना हो रही है। कुछ दिनों पहले रेल टिकटों पर प्रधानमंत्री की तस्वीर को लेकर भी बवाल हो गया था। एयरलाइन ने कहा कि तस्वीरों वाले बोर्डिंग पास अगर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पाए गए तो उन्हें वापस लिया जाएगा। ये पास तीसरे पक्ष के विज्ञापन के रूप में जारी किए गए।
एयर इंडिया के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह बोर्डिंग पास वही है जो जनवरी में हुए वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के दौरान छपे थे और तस्वीरें ‘तीसरे पक्ष’ के विज्ञापनों का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि इसका एयर इंडिया से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा था कि हम जांच कर रहे हैं कि क्या तीसरे पक्ष के विज्ञापन आदर्श आचार संहिता के दायरे में आते हैं। अगर आते होंगे तो इन्हें हटाया जाएगा। ये बोर्डिंग पास ना केवल गुजरात बल्कि पूरे भारत के लिए हैं। मामला बढ़ने पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने इन विज्ञापन वाले बोर्डिंग पास वापस मंगा लिए हैं।
इससे पहले 20 मार्च को रेलवे ने प्रधानमंत्री की तस्वीरों वाली टिकटें वापस ली थीं। तृणमूल कांग्रेस ने इनके बारे में निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी। रेलवे ने भी यही कहा था कि ये तीसरे पक्ष के विज्ञापन हैं और एक साल पहले छपे टिकटों के पैकेट से बचे हुए हैं।