कोरिया / जिला पंचायत के चुनाव के बाद तस्वीर एकदम साफ हो गई है,10 सदस्यीय कोरिया जिला पंचायत में सर्वाधिक 5 सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों की जीत हुई है, तो वहीं 3 सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार जीतकर आये हैं, 1 सदस्य निर्दलीय और 1 सदस्य गांेगपा समर्थित आने के बाद अध्यक्ष उपाध्यक्ष के लिये जोड़ तोड़ शुरू हो गया है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन जिला पंचायत में आगामी 14 फरवरी को होना है।
तीन चरणों मे संपन्न हुये चुनाव के बाद राज्य की सत्ता में काबिज कांग्रेेस को इस बार कोरिया जिले में जोरदार झटका मिला है। भरतपुर विधानसभा में भले ही तीन कांग्रेसी समर्थित उम्मीदवारांे की जीत हुई है लेकिन लगातार तीसरी बार जिला पंचायत सदस्य बनने वाले रविशंकर खुद को एकता परिषद का सदस्य मानते हैं और वे फिलहाल कांग्रेस के साथ खड़े नजर नही आ रहे है। भले ही अपनी पीठ थपथपाने कांग्रेसी रविशंकर को अपना मान रहे हैं। इसी प्रकार कांग्रेसी आंकड़े में वेदंाति तिवारी को भी अपना सदस्य माना जा रहा है लेकिन यह सर्वविदित है कि कांग्रेस ने वेदांति तिवारी को अपना समर्थन न देेकर अनिल जायसवाल को समर्थन दिया था यह अलग बात है कि पूरी ताकत झोंकने बाद भी अनिल जायसवाल की जमानत जप्त हो गई और वे चौथे स्थान पर थे।
आगामी 14 तारीख को होने जा रहे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन के पूर्व काफी जोड़ तोड़ सुनने को मिल रहा है, बताया जाता है कि भाजपा के 5 सदस्य आने के बाद पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े अपने पुत्र विजय राजवाड़े को जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। तों वहीं अध्यक्ष पद के लिए संगठन की ओर से भाजपा समर्थित विजयी सदस्य चुन्नी पैकरा या रेणुका सिंह के नाम पर मुहर लगने की उम्मीद की जा रही है। भाजपा को जिला पंचायत में कब्जा करनें के लिए अभी भी एक सदस्य की जरूरत है जिसे लेकर भाजपा के नेताओं की नजर निर्दलीय व अन्य सदस्यों पर टिकी हुई है।
तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस चुनाव में पिछड़ने के बाद भी जिला पंचायत में कब्जा करने को लेकर जोर आजमाईश करती नजर आ रही है, कांग्रेस से राज्यमंत्री की बहन उषा सिंह को अध्यक्ष पद का प्रबल उम्मीदवार बताया जा रहा है क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अजा महिला के लिए आरक्षित है और इस वर्ग से एकमात्र कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के रूप में उषा सिंह ही चुनाव जीतकर आयी है। बताया जाता है कि गोंगपा समर्थित फूलमति दूसरी बार चुनाव जीती हैं एकमात्र गांेगपा सदस्य होने के बावजूद उनके द्वारा दूसरे दलों से अध्यक्ष बनने की इच्छा व्यक्त की जा रही है हलांकि इसकी संभावना काफी कम ही नजर आ रही है।
जिला पंचायत में कब्जा जमाने कांग्रेसी नेता सत्ता का फायदा उठाते भी नजर आ रहे हैं सूत्र बतलाते हैं कि कई कांग्रेसी भाजपा समर्थित सदस्यों को उठाने की तैयारी में भी थे लेकिन उनके इस उम्मीद पर पूरी तरह पानी फिर गया है, हलांकि वे अभी भी जोर आजमाईश कर रहे हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस भले ही रविशंकर को अपना मान रही है लेकिन वे अध्यक्ष पद की दावेदार के नाम पर सहमत नही हैं। ऐसे में कांग्रेस के सामने गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। हलांकि उपाध्यक्ष बनने की चाह में निर्दलीय के रूप में सदस्य बने वेंदाति तिवारी का कांग्रेस प्रेम एक बार फिर जागृत हो चुका है वे कई कांग्रेसी नेताओं के साथ खुद के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं कुछ दिनों पूर्व भाजपा के जनकपुर क्षेत्र से विजयी सदस्य के घर सुबह सुबह वेंदांति तिवारी के पहुंचने की खबर भी सूत्रों से मिल रही है,लेकिन संगठन के प्रति समर्पित भाजपा सदस्य की मनाही के बाद वे उल्टे पैर लौटते बने।
चुनाव के बाद वेंदाति तिवारी के निर्णय को लेकर सभी की नजर उन पर है उनका वोट दोनों ही दलों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए काफी अहम माना जा रहा है,कांग्रेस ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए भले ही उन्हे अपना समर्थन नही दिया लेकिन जीतने के बाद श्री तिवारी खुद को कांग्रेसी बताने से नही चुक रहे हैं। दो दिनों पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के दौरे में उन्हे भरतपुर में साथ देखा गया जिससे उनके कांग्रेस प्रेम को और बल मिल रहा है। बताया जाता है श्री तिवारी खुद को उपाध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं और उन्हे राज्यमंत्री का साथ तो मिल रहा है लेकिन बैकुंठपुर क्षेत्र के नेता उन्हे उपाध्यक्ष बनने से रोकने हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यहां यह बताना आवश्यक है कि कांग्रेस से समर्थन न मिलने के बाद वेदांति तिवारी को जनता का अभूतपूर्व समर्थन कांग्रेस के निर्णय के खिलाफ ही मिला था लेकिन वे चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर उसी मंच की ओर बढते नजर आ रहे हैं ऐसे में जनता आने वाले समय में फिर उन्हे नकार देगी इस बात से इंकार नही किया जा सकता। ऐसे वक्त में उन्हे चाहिए कि वे निर्दलीय के रूप में ही खड़े रहें और अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव में स्वतंत्र रूप से निर्णय लें,बहुत ही महत्वपूर्ण समय में उनका यह कदम आने वाले समय में उनकी राजनैतिक दशा और दिशा तय करेगा।
बहरहाल अभी अध्यक्ष उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 5 दिन का समय शेष है काफी जोर आजमाईश के दौर में अंतिम समय पर ऊंट किस करवट बैठेगा ,कहीं पिछली बार की तरह कोई अप्रत्याशित परिणाम ही सामने न आये इस बारे में कुछ कहा नही जा सकता। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के निर्वाचन में गोंगपा सदस्य फूलमति, रविशंकर और वेदांती तिवारी की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।
