00 क्षेत्रीय चिकित्सालय के सभी डॉक्टर और नर्स की आंखों में आंसू
00 सेवा भावना का मिसाल बना क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा
कोरिया चरचा से नीरज गुप्ता की रिपोर्ट / क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा में इलाज उपरांत जा रहे मरीज ममता की विदाई में फूट-फूटकर रो रही मासूम मरीज सहित चिकित्सालय के सभी डॉक्टर नर्स व स्टाफ की आंखों में आंसू देखकर अस्पताल में उपस्थित मरीज व उनके परिजन भी बेहद भावुक हो गए। बरसों बाद चिकित्सालय में ऐसा लगा की मरीज नहीं बल्कि घर की बेटी जा रही है। उनका कोई अपना सगा अलग हो रहा है यह दृश्य अद्भुत ही नहीं अविस्मरणीय सा प्रतीत हो रहा था।
क्षेत्रीय चिकित्सालय में इस अनाथ बच्ची ममता को नया जीवन देने का पूरा श्रेय बैकुंठपुर क्षेत्र के मुखिया शंकर नागाचारी महाप्रबंधक बैकुंठपुर क्षेत्र व श्रीमती प्रीति नागाचारी अध्यक्षा सौम्य महिला मंडल बैकुंठपुर क्षेत्र को जाता है।
आपको बता दे कि महाप्रबंधक नागाचारी व उनकी पत्नी प्रीति नागाचारी भैयाथान के समीप ग्राम जमड़ी मैं स्थित दुर्गा मंदिर परिसर के आश्रम में गए हुए थे। उक्त आश्रम के संचालक द्वारा 200 से भी अधिक अनाथ व निर्धन बच्चों को आवासीय परिसर में रखकर निशुल्क शिक्षा व भोजन प्रदान किया जाता है। वहां महाप्रबंधक शंकर नागाचारी ने नौवीं कक्षा में पढ़ रही लगभग 14 वर्षीय अनाथ ममता नामक बच्ची को देखा, जिसकी तबीयत काफी खराब थी इस पर उन्होंने क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा के चिकित्सक टीम को आश्रम के समस्त बच्चों का इलाज करने हेतु आश्रम भेजा। वहां चिकित्सकों ने ममता की जांच की मासूम ममता का इलाज आश्रम में संभव नहीं था, इस वजह से चिकित्सालय के डॉ अशोक विराजी ने उसे अपने संरक्षण में क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा में बुलवाया जहां 9 फरवरी से चिकित्सालय में भर्ती कर उसका इलाज प्रारंभ हुआ। उसके सभी प्रकार के टेस्ट कराए गए ममता को किडनी की भी बीमारी थी इस इलाज के दौरान चिकित्सालय के सभी डॉक्टर ,नर्स ,स्टाफ ने ममता को बेहद प्यार व ममत्व दिया। मां बाप के प्यार से वंचित अनाथ ममता को जो प्यार व खुशी जीवन में कभी नहीं मिली वह खुशी उसे चिकित्सालय में मिलने लगी। लगभग 20 दिनों के इलाज के बाद ममता काफी ठीक हो गई और उसे वापस भैयाथान जाने की जानकारी मिली जहां 3 मार्च से उस की परीक्षाएं प्रारंभ होगी तो वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसे ऐसा लग रहा था कि उसकी खुशियां उससे छीनी जा रही है। चिकित्सालय में उपस्थित सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए। कोई उसे गले से लगा रहा था तो कोई उसके आंसू पोछ रहा था।
चंद दिनों में ही अपनेपन की डोर से बंधी ममता अलग नहीं होना चाहती थी इस पर डॉक्टर विराजी ने उसे कहा कि बेटा हम सब तुम्हारे साथ हैं तुम्हें अपने जीवन में कुछ बनकर दिखाना है तुम जब चाहो यहां आ जाना या फिर हम लोगों को बताना हम लोग तुमसे मिलने आते रहेंगे। चिकित्सालय के डॉक्टर व नर्सों ने ममता को गिफ्ट भी दिया। ममता से जब पूछा गया कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहती है तो उसने कहा कि मैं नर्स बन कर सेवा करना चाहती हूं इस पर डॉक्टर विराजी ने उसे भरोसा दिलाया कि वह 12वीं की परीक्षा पास कर ले इसके बाद मेरे द्वारा उसे नर्सिंग का कोर्स कराया जाएगा।
इस अवसर पर डॉ कल्याण सरकार मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा, डॉक्टर वर्मा नेत्र विशेषज्ञ ,डॉक्टर पटेल, डॉक्टर गोदावरी श्रीमती अनीता आशावान मेट्रन, सिस्टर रॉबर्ट ,सिस्टर जे इक्का, सिस्टर आराधना सेमुअल , ओपी यादव ,अंजली नायर ,प्रभात शर्मा सहित काफी संख्या में चिकित्सालय के स्टाफ मरीज व उनके परिजन उपस्थित थे।
क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा के समस्त स्टाफ के द्वारा सेवा वह मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की गई है जिसकी सभी लोगों ने मुक्त कंठ से सराहना की क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कल्याण सरकार ने कहा कि हमारा पेशा ऐसा है जिसमें हम किसी को ना नहीं कर सकते। हम सदैव सेवा हेतु तत्पर हैं आप सभी सहयोग करें जिससे हम और बेहतर तरीके से सेवा कर सके, कंपनी के दिशा निर्देशों व सीएसआर के तहत हम अपने संसाधनों के अनुसार सभी का इलाज करते हैं हम सभी एक परिवार हैं हमें सदैव एक दूसरे का सहयोग करना है। हम सभी ममता बेटी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।