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धान खरीदी केन्द्रों में किसान हो रहे परेशान, कहीं रकबा कटा तो कहीं पूरा रकबा ही गायब…

00 किसानों की समस्या सुनने धान खरीदी केंद्र पहुचे पूर्व केबिनेट मंत्री भईया लाल का भी 28 क्विंटल रकबा काट दिया गया

कोरिया / छत्तीसगढ़ शासन की घोषणा और चुनावी वादे झुठे साबित हो रहे है किसानों को जितना धान पैदा करने में परेशानी नही आई उससे अधिक धान बेचने मे परेशानी आ रही है, जिसके कारण किसानों मे भारी गुस्सा है। छत्तीसगढ़ शासन की धान खरीदी निति में रोज नये बदलाव के कारण किसान परेशान हो रहे हैं।

आपको बता दे कि किसानो का एक -एक दाना धान खरीदने की बात करने वाली भूपेश सरकार के ही राज मे किसान आज परेशान हैं।

पूर्व केबिनेट मंत्री भईया लाल राजवाड़े का भी रकबा कटा…

किसानों की शिकायत पर छिंदढांड धान खरीदी केंद्र पहुचे पूर्व श्रम मंत्री भईया लाल राजवाड़े का भी लगभग 28 क्विंटल रकबा काट दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 /20 में धान का रकबा 3.77 और 2020 /21 में धान का रकबा 3.00 है उस हिसाब से पिछले वर्ष 138. 73 क्विंटल धान बेचा और इस बार 110. 40 क्विंटल धान बेचना है मुझे 28.63 क्विंटल धान का नुकसान होगा। किसानों के विषय मे श्री भईया लाल का कहना है जब हम जैसे पूर्व मंत्री का रकबा कट सकता है तो इन भोले भाले किसानों का क्या होगा। वही पूर्व मंत्री भईया लाल ने यह भी कहा कि अगर इसी तरह किसानो का रकबा कटेगा या उनके पंजीयन में समस्या आएगी तो हम किसान हित मे आंदोलन करेगे। पन्द्रह साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही कभी किसान इतना परेशान नही रहे। जितना की अभी की स्थिति मे है। आज अधिकारी फोन तक नही उठाते, अगर ऐसा ही चलता रहा और किसानो की समस्याओं का निदान नही हुआ तो हम सब किसानो के हित मे जल्द सड़को पर उतरेंगे।

इस साल धान गिरदावरी में धान खरीदी के लिए सैकड़ों किसानों का रकबा कम कर दिया गया है। वहीं अनेक ऐसे किसान हैं जिनका पूरा रकबा ही गायब हो गया है। एक तरफ जहां किसानो को रकबा घटा दिया गया है, तो कहि किसानों का ऑनलाइन पंजीयन ही नही हो पाया हैं, पर अब जब वे किसान मंडी पहुँच रहे हैं तो उन्हें पता चल रहा है कि उनका पंजीयन ही नहीं हुआ है।

किसानों ने बताया कि गिरदावरी में जिन किसानों का रकबा कम हुआ है जो वास्तव में ऐसी कृषि भूमि है जिनमें धान ही लगाया जाता है। समस्या यह है कि रकबा कम होने से किसान अपना पूरा धान नहीं बेच पाएंगे। ऐसी परिस्थिति में किसानों का ऋण का भुगतान भी नहीं हो पाएगा।
जिले में ऐसे भी कई किसान हैं जिनका पूरा रकबा ही गायब कर दिया गया हैं।

शासन और प्रशासन के प्रति नाराज इन किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार षड़यंत्रपूर्वक हमारा रकबा काट रही है, पहले खेत के मेढ़ को काटा गया अब पूरा का पूरा रकबा ही काटा जा रहा है।

पूर्व विधायक प्रतिनिधि रेवा यादव भी आज सुबह जब कृषि उपज मंडी पहुचे तब उन्हें पता चला कि किसानों के साथ कैसा व्यवहार हो रहा हैं। जिन किसानों ने कर्ज लिया है, उनका रकबा कटा गया है, उनका पंजीयन नही हुआ किसानों की समस्या को जानने के पश्चात उनका कहना है कि अगर इसी तरह चलता रहा तो किसान कहा जायेगे।

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