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बाबूओं पर भी कलेक्टर साहब को देना पड़ेगा ध्यान क्योंकि कई बाबू पदस्थ कहीं है और काम कहीं कर रहे

कोरिया बैकुण्ठपुर / कोरिया जिला में बैकुण्ठपुर विधानसभा में अधिकारी तो अधिकारी, बाबूओं की चलती है मनमानी। आदेशों का पालन न होना यहां कलचर सा हो गया है अजब कोरिया-गजब कोरिया के तर्ज पर यहां के प्रशासनिक अमला अपना काम कर रहे है। ऐसा लगता है कि इनके गतिविधियों का संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है।

कुछ ऐसा ही मामला बैकुण्ठपुर के तहसील कार्यालय व अनुविभागीय राजस्व कार्यालय का है। तहसील कार्यालय के एक बाबू नारदमुनि पाण्डेय जो पटना उप तहसील में पदस्थ है पर बैकुण्ठपुर तहसील में अटैच, खबर के बाद कोरिया कलेक्टर ने तहसील में अटैच बाबू की पदस्थापना कलेक्ट्रेड में कर दी पर इसके बावजुद आदेश हुये सप्ताह बितने को है पर अब तक बाबू ने अपना पदभार ग्रहण नहीं किया। वहीं बैकुण्ठपुर तहसील में एक बाबू ऐसे भी है जिनकी मूल पदस्थापना तहसील में है पर वह एसडीएम कार्यालय में तीन साल से अटैच करा कर जमें हुये है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मूल पदस्थापना का कोई महत्व नहीं है जो अधिकारी जहां चाहेगा वहां किसी को भी अटैच कर लेगा।

मिली जानकारी के अनुसार बैकुण्ठपुर तहसील कार्यालय में लम्बे समय से नारदमुनि पाण्डेय अटैच है जबकि उनकी मूल पदस्थापना उप तहसील पटना में की गयी थी। पर वह वहां न जाकर बैकुण्ठपुर में ही अपना कार्य करते रहे, इनके बारे में यह भी बताया जाता है कि यह बाबू काफी अनुभवी है इसलिये कोई अधिकारी रहें वह अपनी तरफ कर लेते है फिर अधिकारी उन्हीं के ईशारे पर चलते है। स्थानीय मीडिया में खबर के प्रकाशन के बाद कोरिया कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुये लगभग 10 दिन पहले बाबू नारदमुनि पाण्डेय को व्यवस्था के तहत स्थानांतरण सूची जारी कलेक्ट्रेड में पदस्थ किया था और जल्द से जल्द उन्हें कलेक्टर कार्यालय में पदभार ग्रहण करने को कहा गया था। पर 10 दिन बाद भी वह अब तक तहसील कार्यालय में अटके है।

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील कार्यालय में विरेन्द्र तिवारी बाबू के पद पर मूलपदस्थापना है पर वह पिछले तीन सालों से एसडीएम कार्यालय में अटैच है इस बीच कई एसडीएम आये और गये पर यह बाबू अटैच में बने रहे। लोगों का कहना है कि यह अधिकारीयों को अपने हित में रखकर काम करते है ताकि उन्हें कहीं और जाना न पड़े इनकी कई शिकायतें भी है और इन पर यह भी आरोप है कि यह एसडीएम कार्यालय में आने वालों को बेवजह परेशान करते है।

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