00 डॉ रमन के मुख्यमंत्रित्व काल में भूमाफियों,जमीन रजिस्ट्री, डायवर्सन से बिक्री तक हर पहलू में फर्जीवाड़ा
राजनांदगांव / छ ग प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के महामंत्री एवं जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रुपेश दुबे ने छ ग सरकार के स्वर्णिम 2 वर्षीय कार्यकाल पर भाजपाइयों के विधवा विलाप अनर्गल आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा की भाजपाई अपने 15 वर्षीय कुशासन के कारनामों का चिंतन करने का साहस करे तो उन्हें पता चलेगा कि कैसे किसानों की जमीन को उद्योग पतियों को देने सहित पूंजीपतियों , भूमाफियों को फायदा पहुंचाने का साजिशपूर्ण खेल उनके सरकार ने खेला है ।
महामंत्री व प्रवक्ता रूपेश दुबे ने बताया कि राजनांदगांव ब्लॉक के ग्राम जोरातराई के किसान भाजपा सरकार की अंधेरगर्दी साजिश के शिकार होकर अपने जमीन से भी हाथ धो बैठे है। क्योकि भाजपा सरकार बिना यह पता करे की ग्राम में 350 एकड़ भूमि उद्योग के लिए है कि नही सीधे रजिस्ट्री में स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र क्र 184/अधोविक/2003/665 दि 26-12-2003 दे दिया जिसके आड़ में कम्पनी ने किसानों को सरकार के पत्र को उद्योग की अनुमति बताते हुए कृषक या उनके परिवार के लोगो को नौकरी देने एक शपथ पत्र दिनांक 31- 12 -2004 भी प्रदान कर दिया।जिसके चलते किसान उनके झांसे में आकर 50.11एकड़ भूमि को उद्योग प्रयोजन के लिए दिनांक 12 जनवरी 2004 से 20लाख 4हजार4सौ में रजिस्ट्री करना प्रारंभ कर दिए।ये सब इतने जल्दी में किये की किसानों को कुछ सोचने, समझने का मौका ही नही मिला।
50 एकड़ जमीन रजिस्ट्री पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से करा कर में. सन विजय रीरोलिंग इंजीनियरिंग लिमि नागपुर प्लानिग के तहत चुप बैठ गया फिर उद्योग संचानलय ने दिनांक 20- 10 2005 को स्टाम्प शुल्क की छूट को निरस्त कर दिया। लेकिन भाजपा सरकार के संरक्षण में स्टाम्प शुल्क छूट प्रमाणपत्र निरस्त होने के बाद फर्जी ढंग से 2008 में डायवर्शन में ग्राम पंचायत का प्रस्ताव लिख कर कर दिया गया।जबकि पंचायत ने कोई प्रस्ताव ही पारित नही किया है।जमीन को किसानो से लेने के बाद किसानों को बेदखल कर दिया और जब छूट स्टाम्प शुल्क वसूली का आदेश हुआ तो वह सरकारी संरक्षण में रहते लटका रहा और उद्योग प्रयोजन की भूमि को क्रेस्ट स्टील जिसकी माली हालत जगजाहिर है को 4करोड़50लाख99हजार में बेच कर 4करोड़30लाख94 हजार6सौ का मुनाफा कमाया है।
यह सब खेल भाजपा सरकार के संरक्षण में पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए साजिश का हिस्सा है।किसान अब इस स्थिति में नही की न्याय शुल्क पटा कर अपनी भूमि वापस प्राप्त कर सके। सन विजय लिमि ने अपने दीगर कार्य के लिए उद्योग के प्रयोजन भूमि को अन्य को विक्रय कर फर्जीवाडा किया है उनके उद्योग का प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद फर्जी प्रस्ताव से डायवर्सन करने, महाराष्ट्र के नोटरीराइज्ड पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर छ ग में जमीन रजिस्ट्री कराने के कारण रजिस्ट्री विभाग सहित अन्य इस मामले में लिप्त है जिनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की जावेगी और उद्योग ना लगने के कारण किसानों की भूमि उन्हें वापस मिलनी चाहिए।
