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ट्रेंकुलाइज के बाद 9 घण्टे में पकड़ा गया भालू


राजनांदगांव शहर के मोहारा वार्ड में आज सुबह लगभग 6:00 बजे देखे गए भालू को वन विभाग की टीम ने लगभग 9 घंटे के बाद पकड़ा। इस दौरान भालू की मौजूदगी से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना रहा।

राजनांदगांव शहर के मोहारा क्षेत्र में आज सुबह लगभग 6:00 बजे वार्ड के लोगों ने एक व्यस्क भालू को देखा और मामले की सूचना पुलिस को दी। इस दौरान भालू समीप के एक राइस मिल में जा घुसा। लोगों का शोर शराबा सुन भालू राइस मिल से निकलकर एक घर की बाडी़ में जाकर बैठ गया। इसके बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर भालू पर नजर बनाए रखी। वहीं भालू को पकड़ने बाड़ी के समीप पिंजरा भी लगाया गया। भालू को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित पकड़ने के लिए रायपुर से पशु चिकित्सा विशेषज्ञ को बुलाने के लिए सूचना दी गई, लेकिन लगभग 8 घंटे के बाद ट्रेंकुलाइज करने डॉक्टर राकेश वर्मा मौके पर पहुंचे। सुबह से कुंज बाई के घर की बाड़ी में बैठे भालू को देखकर आसपास के लोगों में दहशत का माहौल था। महिला कुंजबाई का कहना है कि उन्होंने भालू को देखकर पुलिस को सूचित किया था। भालू के आने से पूरा परिवार दहशत में था।


पुलिस विभाग और वन विभाग की टीम कई घंटों तक ट्रेंकुलाइज के इंतजार में बैठी रही और लोगों को भालू से दूर रखने का प्रयास किया जाता रहा। इसके लिए पहरा लगा कर आवागमन बंद कर दिया गया था। पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ राकेश वर्मा के आने के बाद उन्होंने भालू को ट्रेंकुलाइज करने का उचित स्थान चुना और इसके बाद ट्रेंकुलाइजर गन से भालू को शूट किया गया। इसके कुछ ही देर में भालू बेहोश होकर गिर पड़ा और वन विभाग की टीम ने तत्काल उस पर जाली डाली और स्ट्रेचर के माध्यम से भालू को बाहर लाया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सीसीएस शालिनी रैना ने कहा कि सुबह सूचना मिली थी कि बस्ती में भालू घुस आया है और उसे रेस्क्यू करने के लिए वेटनरी डॉक्टर को बुलाया गया था। भालू को पकड़ लिया गया है इसके बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा, उन्होंने कहा कि भालू कहां से आया इसके लिए उसका रूट ट्रैक किया जाएगा।

ट्रेंकुलाइज करने के बाद भालू को पिंजरे में डालकर रायपुर ले जाया गया। वहीं उसे जंगल में छोड़ा जाएगा। राजनांदगांव शहर के मोहारा स्थित बीच बस्ती में इस तरह से भालू के घुस आने से लोग दिनभर दहशत में रहे, तो वही घनी आबादी के बीच भालू कहां से आया इसकी जांच की जा रही है , लेकिन माना जा रहा है कि भालू डोंगरगढ़ क्षेत्र के पहाड़ियों से यहां तक पहुंचा होगा। बहराल इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भालू और लोग दोनों सुरक्षित रहे , लेकिन वन विभाग की लेटलतीफी से लोगों में आक्रोश की स्थिति भी निर्मित होती रही।

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