(एक माह पूर्व आयुक्त को वस्तुस्थिति से अवगत कराने बाद भी निगम प्रशासन का कुम्भकर्णी नींद नहीं खुला)
कोरिया / कोयला नगरी चिरमिरी इन दिनों विभिन्न मौसमी बीमारियों के चपेट में है। साफ – सफाई का अभाव, वार्डों में जगह – जगह गाजर घाँस सहित नालों के बदबूदार दुर्गंध और घरेलू नलों से गंदे – मटमैले पानी के हो रहे वितरण से हालाते और भी खराब हैं, जिसे लेकर शहर के चिकित्सक भी मरीजों के बढ़ते दवाब के कारण चिंतित हैं। किन्तु नगर निगम में आयुक्त के स्थानांतरण के बाद दूसरे नियुक्त आयुक्त के न आने और अब संशोधित आदेश में नए आयुक्त के नियुक्ति के अन्तराल में निगम प्रशासन के ढुलमुल और उदासीन रवैये पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए, पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने नगर सरकार के इस निरंकुशता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने क्षेत्र के हॉस्पिटलों में बढ़ रहे मरीजों की संख्या और टाइफाईड जैसे बीमारियों के हुए फैलाव को देखते हुए एक माह पहले चिरमिरी नगर पालिक निगम के आयुक्त से मुलाकात कर सौंपे अपने पत्र में आज क्षेत्र में बढ़ रही मौसमी बीमारियों के रोकथाम हेतु जरूरी रसायनिक दवाईयों के छिड़काव कराने एवं पेयजल के लिए नलों से आ रहे गंदे पानी वितरण व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की थी। किन्तु समाधान तो दूर, नतीजा सिफर ही रहा, श्री रेड्डी ने कहा कि नगर निगम में अपनी ही सरकार होने के कारण वे हो हल्ला न कर, प्रशासनिक अमले से क्षेत्र के दिक्कतों का समाधान कराने का पहल किया था, लेकिन अब लगता है कि आन्दोलन का मार्ग अपनाना ही पड़ेगा। क्योंकि जनता त्रस्त है और जनप्रतिनिधि गुमान में मस्त। ऐसे में अब सड़क पर आकर, प्रशासन का आँख खोलना ही पड़ेगा। क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होता है, नेता नहीं।
श्री रेड्डी ने तत्कालीन आयुक्त श्रीमती योगिता देवांगन को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा है कि इन दिनों हो रहे लगातार बारिश से क्षेत्र में मौसमी बीमारियां भी लगातार बढ़ रही हैं। क्षेत्र के प्रत्येक घरों में कम से कम एक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से संक्रमित हो ही रहे हैं। यह भी ध्यान दिये जाने योग्य है कि पेयजल वितरण में नलों से आने वाला पानी भी बेहद गंदा एवं दूषित है, जिससे टायफाईड जैसे रोगों के मरीज इन दिनों क्षेत्र के अस्पतालों और पैथोलैब में तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि नगरीय सरकार क्षेत्र में बारिश के दिनों के पूर्व किए जाने वाले आवश्यक तैयारियों दुरस्त कर मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए पूर्व की वर्षों की भांति ही मैलाथियान, ब्लीचिंग छिड़काव सहित फागिंग – धुँवा आदि जरूरी कार्यक्रमों को तेजी से संचालित करें। साथ ही पेयजल वितरण व्यवस्था में आवश्यकतानुसार सुधार कर, विभिन्न पानी टंकियों, कुओं और निगम के पानी टैंकरों में क्लोरीन आदि दवाईयों का उपयोग किया जावे।
श्री रेड्डी ने पत्र में आगे कहा है कि पूर्व के वर्षों में तो समय से ये सब आवश्यक कार्य कर नियमित रूप से कर दिये जाते थे किन्तु मुझे आश्चर्य है कि न जाने किन कारणों से इस वर्ष इन कार्यों में दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। फलस्वस्य अभी तक ये जरूरी काम हो नहीं सके हैं और इन सब कामों से निगम प्रशासन इस समय उदासीन ही दिख रहा है। जबकि कोविड महामारी के वर्तमान कठिनाई के इस दौर में ऐसे बीमारियों के रोकथाम के लिए बेहद सक्रियता से इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए था। गरीब – अमीर सब चल रहे मौसमी बीमारियों से परेशान हैं और निगम प्रशासन आराम फरमा रहा है, जो बेहद निन्दनीय है।
श्री रेड्डी ने ज्ञापन में मांग करते हुए कहा है कि इन आवश्यक कार्यों को यथाशीघ्र संचालित कर क्षेत्र को इन मौसमी बीमारियों के चपेट में आने से बचाव कर, नागरिक सुविधाओं को प्रदान किये जाने के निगम प्रशासन की जिम्मेदारियों को पूरा किये जाने सम्बंधी दुरुस्त एवं आवश्यक पहल करें।