Friday, April 11, 2025
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सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्‍ट में PM मोदी, ममता और तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर का भी नाम

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दिल्ली // टाइम पत्रिका द्वारा जारी 2021 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला शामिल हैं. तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम शामिल है. टाइम ने बुधवार को ‘2021 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों’ की अपनी वार्षिक सूची जारी की.

नेताओं की इस वैश्विक सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, ड्यूक और डचेस ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी और मेगन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं. इस सूची में तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर भी शामिल है.

पीएम मोदी के टाइम प्रोफाइल में कहा गया है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने 74 वर्षों में भारत के तीन प्रमुख नेता रहे हैं. इनमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी शामिल हैं. देश की राजनीति पर हावी होने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे नेता हैं, उनके बाद कोई नहीं है. प्रसिद्ध सीएनएन पत्रकार फरीद जकारिया द्वारा लिखी गई प्रोफ़ाइल में आरोप लगाया गया है कि पीएम मोदी ने “देश को धर्मनिरपेक्षता से और हिंदू राष्ट्रवाद की ओर धकेल दिया है.” उन्होंने पीएम मोदी पर भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के “अधिकारों को खत्म करने” और पत्रकारों को कैद करने व डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया है.

ममता बनर्जी की प्रोफ़ाइल में कहा गया है कि 66 वर्षीय नेता भारतीय राजनीति में प्रचंडता का चेहरा बन गई हैं. ममता बनर्जी के बारे में कहा जाता है वह अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नेतृत्व नहीं करती हैं, बल्कि खुद एक पार्टी हैं. सड़क पर लड़ने वाली भावना और पितृसत्तात्मक संस्कृति में स्व-निर्मित जीवन ने उन्हें अलग किया है.

अदार पूनावाला के टाइम प्रोफाइल में कहा गया है कि COVID-19 महामारी की शुरुआत से दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता के 40 वर्षीय प्रमुख ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और पूनावाला अब महामारी को खत्म करने में मदद कर सकते हैं.

द टाइम प्रोफाइल तालिबान के सह-संस्थापक बरादर के बारे में बताया गया है, ‘ऐसा कहा जाता है कि वह सभी प्रमुख फैसले ले रहा था, जिसमें पूर्व सरकार के सदस्यों को दी जाने वाली माफी, तालिबान के काबुल में प्रवेश करने पर रक्तपात ना करना और पड़ोसी देशों, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की सरकार के साथ संपर्क करना और वहां के दौरे करना शामिल थे. अब वह अफगानिस्तान के भविष्य के लिए एक आधार के रूप में खड़ा है. अंतरिम तालिबान सरकार में, उसे उप प्रधानमंत्री बनाया गया है, शीर्ष भूमिका एक अन्य नेता को दी गई है, जो तालिबानी कमांडरों की युवा और अधिक कट्टरपंथी पीढ़ी को ज्यादा स्वीकार्य है.’

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