नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार रात करीब 8.45 बजे दिल्ली में सेंट्रल विस्टा की कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचे. यहां उन्होंने साइट पर लगभग एक घंटा बिताया और नए संसद भवन के निर्माण कार्य का जायजा लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट साइट पर जाने के प्रोग्राम के बारे में पूर्व से कोई सूचना नहीं थी, वे अचानक यहां पहुंचे और बाकायदा सभी नियमों का पालन करते हुए साइट का निरीक्षण किया.
बता दें, केंद्र सरकार के नए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. विरासत भवन के कारण इन्हें सुरक्षित रखा जाएगा. आने वाले समय में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को रेट्रोफिटिंग कर संग्रहालय का रूप दिया जाएगा. नए सेंट्रल विस्टा के निर्माण से राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक का नजारा बदल जाएगा. अगले 250 सालों की जरूरतों के मद्देनजर विश्वस्तरीय सेंट्रल विस्टा बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है. इस बड़े प्रोजेक्ट की प्राथमिकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार ने मौजूदा समय कोविड 19 को लेकर प्रभावी प्रतिबंधों के बीच इसे आवश्यक सेवाओं में माना है, ताकि निर्माण पर किसी तरह का कोई असर न पड़े.
शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने की जिम्मेदारी सीपीडब्ल्यूडी की है. नोडल एजेंसी सीपीडब्ल्यूडी ने हाल में एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी को बताया था कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नवंबर 2022 तक नया संसद भवन बनकर तैयार होगा. दिसंबर 2022 तक उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का नया आवास भी क्रमश: नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के पास बनकर तैयार होगा. इसके अलावा कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट भी बनाने की तैयारी है. एसपीजी की भी दिसंबर 2022 तक बिल्डिंग बनकर तैयार होगी. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 13450 करोड़ की लागत से करीब एक दर्जन भवनों के निर्माण के दौरान 46700 लोगों को अस्थाई रोजगार मिलने का अनुमान है.
11 फरवरी 2021 के लोक सभा में हुए एक सवाल के जवाब में शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नए सेंट्रल विस्टा के औचित्य पर प्रकाश डाला था. उन्होंने बताया कि संसद भवन 100 साल पुराना हो चुका है. वर्ष 2026 के बाद लोक सभा की सीटें बढ़ेंगी. इसलिए नया संसद भवन बनाया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा का मुख्य एवेन्यू राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला हुआ है. मगर, बदलते जमाने के साथ इसे विश्वस्तरीय किया जाना है क्योंकि इसमें सार्वजनिक सेवाओं, सुविधाओं और पार्किंग का अभाव है. बेतरतीब पार्किंग से भीड़ होती है और गलत छवि बनती है. इसलिए भारत सरकार ने नए संसद भवन, कॉमन केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के पुनर्निमाण का निर्णय लिया है.