दिल्ली / दिवाली की पूर्व संध्या पर सरकार ने देश की जनता को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूट में कटौती की घोषणा की है. पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कल यानी 4 नवंबर से 5 रुपए और 10 रुपए कम कर दिया गया है.
उत्पाद शुल्क में कटौती को लेकर संबंधिक अधिकारी ने कहा कि डीजल पर पेट्रोल के मुकाबले दोगुना टैक्स घटाया गया है. इससे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. रबी फसल के सीजन की शुरुआत हो रही है. कृषि के काम में इस्तेमाल होने वाले उपकरण मुख्य रूप से डीजल पर चलते हैं. ऐसे में डीजल के रेट में कटौती से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. केंद्र ने राज्यों को भी VAT में कटौती की अपील की है. वैट को राज्य सरकारें वसूलती हैं. अगर इसमें कटौती होती है तो अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल के रेट में उसी अनुरूप गिरावट देखने को मिलेगी.
पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जो कि पूरे भारत में एक समान है. वहीं इन पर लगाए जाने वाले वैट की दरें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती हैं. देश में पेट्रोल और डीजल पर सबसे ज्यादा वैट राजस्थान में लगता है. राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल और डीजल सबसे ज्यादा महंगा बिकता है.
एक्साइज ड्यूटी में कटौती को लेकर वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल का भाव आसमान छू गया है. इसी के कारण घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल 100 रुपए के पार पहुंच चुका है. महानगरों में पेट्रोल 110 रुपए के स्तर को भी पार कर गया है. पेट्रोल-डीजल में तेजी के कारण महंगाई में भी तेजी आई है.
पूरी दुनिया इस समय एनर्जी क्राइसिस से जूझ रही है. इसके बावजूद भारत सरकार की लगातार कोशिश रही है कि पेट्रोल-डीजल समेत तमाम जरूरी कमोडिटी की कभी कोई दिक्कत नहीं हो. हर समय इसकी पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे. माना जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल में कटौती के कारण मांग में तेजी आएगी क्योंकि महंगाई पर दबाव घटेगा.
