पूर्णकालिक शिक्षक पदों पर करें भर्ती
● सभी विकासखंडों में रिक्त पदों के विरुद्ध स्थाई शिक्षकों के पद रिक्त
● तोकापाल विकासखंड में मात्र एक पूर्णकालिक प्राचार्य, 10 से अधिक एकल विद्यालयों में शिक्षकों के स्थाई पद रिक्त
छत्तीसगढ़ / जगदलपुर । ज़िला शिक्षा विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों की रिक्त संख्या को परीक्षा नज़दीक होने के मद्देनजर अस्थाई रूप से भरने के लिए नायाब तरीका का अविष्कार किया गया है। जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया हैकि विभाग पूर्णकालिक शिक्षकों की भर्ती कर पाने में अब तक नाकामयाब रहा है, और अब सर पर परीक्षा की तिथी आने के बाद सिलेबस पूर्ण कराने व परीक्षा ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की कम संख्या से परेशान होकर पूर्णतः अस्थाई रूप से शिक्षक सेवक ने नाम पर ज़िले के डीएड/बीएड उत्तीर्ण युवाओं की भर्ती करके उन्हें छलने की मंशा से विज्ञापन जारी कर चुकी है।
ग़ौरतलब होकि छत्तीसगढ़ राज्य के सभी विकासखंड में रिक्त पदों के विरुद्ध विषयवार कालिक शिक्षकों की कमी सरकार व प्रशासन आज तक पूर्ण नही कर पाई है। राज्य के युवा स्वयं को शिक्षक के रूप में सेवा देने का अवसर मिल सकें अतः डीएड/बीएड की प्रशिक्षण पूर्ण कर परीक्षा उत्तीर्ण कर स्थाई वेकेंसी का इंतज़ार कर रहे हैं। जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय्कि म्के ब कहा कि बस्तर ज़िले की ज़िला शिक्षा अधिकारी ने एक नायाब तरीका का अविष्कार करते हुए इन युवाओं को महज 2 माह के लिए पूर्णतः अस्थाई रूप से शिक्षक सेवक के पदनाम पर भर्ती करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का कार्य आरंभ कर चुकी हैं।
● ‘शिक्षक सेवक’ केवल रोजग़ार देने के मामले में विज्ञापन हेतु आंकड़ा बढ़ाने की योजना
सिर्फ़ 2 माह के लिए युवाओं को शिक्षक सेवक के पद पर अस्थाई नियुक्ति दिए जाने से ना ही पाठ्यक्रम पूर्ण होने वाला है ना ही स्कूलों में शिक्षकों की कमी इससे दूर हो पायेगी। इस तरह की अस्थाई नियुक्ति रोजग़ार देने के मामले में विज्ञापन जारी करने हेतु केवल सरकार के आंकड़ों को बढ़ाने का काम मात्र करेगी। उन्होमे ज़िले के कलेक्टर से अनुरोध किया हैकि डीएड/बीएड प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के भविष्य से इस तरह खिलवाड़ ना किया जाए बल्कि स्कूलों में पूर्ण कालिक शिक्षकों के रूप में इनकी भर्ती की जावे। ऐसा मांग जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् ने किया है।
उन्होंने बताया कि बस्तर ज़िले के अकेले तोकापाल विकासखंड की बात करें तो यहां मात्र एक ही विद्यालय ऐसा है जहां पूर्णकालिक प्राचार्य पदस्थ हैं। विकासखंड मवन संचालित भिन्न भिन्न विद्यालयों में एक तरफ़ विषयवार शिक्षकों की कमी तो हैकि यहां तक कि लगभग 10 एकल विद्यालयों में भी क्षमता के अनुरूप अतिरिक्त शिक्षकों की भारी कमी है। प्रशासन को इन रिक्तियों को स्थाई रूप से पूर्ण करने के लिए कार्य करना चाहिए।





























