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गुपचुप तरीके से दिया दुकान, जोरदार विरोध, उंगली उठ रही सीएमओ के ऊपर, लगातार हो रही शिकायतें

कोरिया / जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के पुराने बस स्टैण्ड में निर्माणाधीन कॉम्पलेक्स की दुकानों को खुली बोली के बजाय लिफाफा पद्धति से महज 16 लाख में बिक्री कर दी गई हैं। इससे नगरपालिका को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इस मामले में नपाध्यक्ष सहित 11 पार्षद व एल्डरमैन ने आपत्ति जताते हुए दोबारा खुली बोली में दुकानों की नीलामी करने की मांग कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाया है कि लिफाफा पद्धति से दुकान नीलाम की वजह से शहर में विरोध की स्थिति है और नपा में मनमानी का आरोप लग रहा है। बता दे कि वहीं लिफाफा पद्धति से पहले न तो इश्तहार का प्रकाशन कराया और न ही शहर में मुनादी कराई गई थी। ऐसे में परिषद की छवि धूमिल हो रही है।

गौरतलब हो कि जानकारी के अनुसार नगर पालिका पुराने बस स्टैण्ड में छह दुकानें निर्माणाधीन हैं। पिछले साल जुलाई 2021 में खुली बोली के माध्यम से दुकानों की नीलामी कराई गई थी। जिससे नगर पालिका को 2 करोड़ 24 हजार की आमदनी हुई थी।

नपा का नया कारनामा, कम कीमत लेकर व्यावसायिक परिसर का कर दिया आबंटन, मामला उजागर पर विरोध हुआ तेज।

व्यावसायिक परिसर की छ: दुकानें जिसमें चार दुकान 50 लाख से अधिक में बिकी तो वहीं गुपचुप तरीके से दो दुकानें 16-16 लाख में देने की बात आ रही सामने।

इस वक्त जिला मुख्यालय का सबसे गर्म मुद्दा, पैसों की लेनदेन का चर्चा शहरभर में, उंगली उठ रही सिर्फ सीएमओ के ऊपर, जांच के बाद बड़ा मामले की खुलासा होने की आशंका

आंकड़े बताते हैं कि कॉम्प्लेक्स भूतल की दुकान क्रमांक 1 की कीमत 14.34 लाख निर्धारित थी। खुली बोली में कीमत 47.6 लाख पहुंची थी। वहीं दुकान क्रमांक 2 की कीमत 15.20 लाख थी, खुली बोली में 61 लाख में नीलाम हुई थी। दुकान क्रमांक 3 की कीमत 15.20 लाख निर्धारित थी, जो कि खुली बोली में 73 लाख में नीलाम हुई थी। वहीं प्रथम तल में निर्मित होने वाली दुकान क्रमांक 1 व क्रमांक 3 की सरकारी कीमत 13.90 लाख निर्धारित थी, जो क्रमश रू 15.10 लाख व 28 लाख में नीलाम हुई थी। हांलाकि दुकान क्रमांक 2 अजजा के लिए आरक्षित होने व कोई आवेदक नहीं मिलने पर नीलाम नहीं हुई थी। मामले में बोली लगाने वाले ने दुकान खरीदने से इंकार कर दिया। जिससे नगर पालिका ने तीन लिफाफा पद्धति से दुकान क्रमांक 1 व 3 को 16-17 लाख में बेच दिया है। जिससे नगर पालिका को 40से45 लाख का नुकसान हुआ है।

बैकुंठपुर नगर पालिका प्रशासन के द्वारा जो बची हुई नीचे की दो दुकानें हैं उन्हें दिसंबर माह में गुपचुप तरीके से बिना किसी मुनादी, बिना किसी की जानकारी के चुपचाप बाहर के पेपर में इश्तिहार देकर के नीचे की दो दुकान क्रमांक 1 एवं दुकान क्रमांक 3 को दुकान की कीमत से लगभग 4 गुना कम कीमत पर लागत रेट से 15 परसेंट ऊपर में करके लगभग 16 लाख 17 लाख रुपए में इन दुकानों को दे दिया गया, जबकि इन दुकानों की बोली 65 से 75 लाख तक गई थी लेने वाले बहुत लोगों ने 45 से 55 लाख तक की बोली लगाई थी कुल मिलाकर के नगरपालिका प्रशासन के द्वारा नियम विरुद्ध इन दुकानों का आवंटन कर दिया गया है।

मामले में नपाध्यक्ष नविता शिवहरे, पार्षद भानू पाल, अनिल खटिक, शिल्पा गुप्ता, अवधेश सिंह, मर्शरत जहां, अहमदुल्ला फिरोज, मनीष सिंह, ममता पनिका, रिमा जायसवाल, एल्डरमैन राजीव गुप्ता ने हस्ताक्षयुक्त पत्र सौंपा है। यही नही उसके बाद लगातार रौजाना कोई न कोई इसी मामले को लेकर लगातार शिकायत करके उचित कार्यवाही की मांग कर रहा हैं।

जानकार बताते हैं कि व्यवासायिक दुकानों की नीलामी तीन बार करने के बाद जब कोई दुकान लेने वाला नहीं आता है तब लिफाफा पद्धति से मुनादी करवाने के बाद से दुकानों को अन्य किसी को देने का प्रावधान है। पर यहां पर ऐसा न करते हुये नपा ने नियम को दरकिनार रखकर के नगर पालिका प्रशासन के द्वारा दुकानों आवंटन अपने चहेते को कर दिया। जिसका विरोध जमकर देखा जा रहा है। इस मामले की शिकायत पूर्व में कोरिया कलेक्टर से लेकर कई अधिकारीयों को की गई थी पर कार्यवाही न होने पर विरोध के स्वर तेज होने लगे है और नियम विरूद्ध आबंटित दुकानों को निरस्त करने की मांग उठऩे लगी है।

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