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PM आवास योजना का लाभ दिलाने में लापरवाही कर रहे जनपद पंचायत सीईओ – डॉ. अरुण पाण्डेय्

स्वीकृति के बावजूद सीईओ के लापरवाही के चलते अब तक नही बन पाए बास्तानार में प्रधानमंत्री योजना के तहत आवास – जनसभा

हितग्राहियों से सीधा संपर्क करके निराकरण की करेंगे कोशिश

बस्तर / सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी अनुसार जनसभा के अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् ने मीडिया में जानकारी सार्वजनिक करते हुऐ बताया हैकि प्रधानमंत्री आवास योजना बेघरों को छत देने व कच्चा मकान में रहने वाले ग्रामीणों को पक्का मकान देने की एक योजना है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के लापरवाही व जनप्रतिनिधियों की असंवेदनशीलता के चलते वित्तीय वर्ष 2019-20 में बस्तर ज़िले के बास्तानार ब्लॉक के ग्राम पंचायतों में स्वीकृत आवास के एवज में अब तक कार्य पूर्ण नही हो पाए हैं। जनसभा के अध्यक्ष ने प्रशासन व चुने हुये जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधते कहा कि अगर आम जनता के लिए बनाई गई योजनाओं को वे धरातल पर नही ला पा रहे हैं तब उन्हें स्वयं को अक्षम स्वीकर करते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।

लापरवाही के चलते बास्तानार ब्लॉक में 248 मकान के बदले बने सिर्फ़ 116

जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् ने बताया हैकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में बास्तानार विकासखंड में कुल 248 प्रधानमंत्री आवास बनने थे जिनके लिए कई पंचायतों में विभागीय अनुमोदन तक नही हुई और इस तरह जनपद पंचायत के सीईओ के लापरवाही व असंवेदनशीलता के चलते अब तक मात्र 116 मकान ही बन पाए हैं। इस तरह बस्तर के ग्रामीण आज भी बिना छत के ही सरकारी योजनाओं की बांट जोहने मज़बूर हैं।

248 स्वीकृत मकानों में से 48 का मात्र प्लिंथ वर्क

जनसभा संगठन ने सूचना का अधिकारी से प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार जानकारी सार्वजनिक किया हैकि बास्तानार विकासखंड के अंतर्गत 248 स्वीकृत प्रधानमंत्री आवासों में 48 हितग्राहियों के मकानों का अब तक मात्र प्लिंथ वर्क ही किया गया है। उसके बाद हितग्राहियों द्वारा लगातार चक्कर काटने कब बावजूद सीईओ के असंवेदनशील रवैय्ये के कारण आगे का भुगतान नही होने से कार्य रुक गया है।

248 स्वीकृत मकानों में से 65 हितग्राहियों को छत ढालने क़िस्त का इंतज़ार

विभागीय असंवेदनशीलता और अधिकारियों के लापरवाही के कारण ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। इसका सीधा उदाहरण बास्तानार ब्लाक में किये जा रहे धीमे निर्माण कार्य से लगाया जा सकता है। जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष ने जनाकरी सार्वजनिक करते बताया हैकि 248 स्वीकृत मकानों में से 65 हितग्राहियों को अब तक छत ढालने के लिए भुगतान नही होने के कारण काम अधूरा लटका पड़ा है। जबकि जनपद सीईओ अगर अपनी जिम्मेदारी समय पर व निष्ठा से निभाते हो ऐसी स्तिथि नही बनती।

किन पंचायतों में कितने मकान

बड़े बोडनार 12 में 4
बड़े काकलूर-2 32 में 7
बड़े किलेपाल-2 36 में 15
बगमुंडी 3 में 1
बास्तानार-2 5 में 0
बिरगली 8 में 7
बिरगुम 3 में 1
जामगांव 4 में 0
कपनार 13 में 10
कोडनार-02 5 में 3
कुम्हारसाडरा 32 में 16
लालागुड़ा 21 में 10
मुतनपाल 10 में 7
पालनार 8 में 1
सडरा बोडेनार 11 में 0
सेवजेल 9 में 4
तिरथुम 2 में 0
तुरनगुर 8 में 7
वहनपुर 1 में 0

हितग्राहियों से संपर्क करके करेंगे निराकरण की पहल

जनसभा संगठन से जुड़े सदस्यों की एक टीम बनाकर पंचायत स्तर पर हितग्राहियों से प्रत्यक्ष मूलाक़ात करके मकान बनने में हुई लेट लतीफी व अन्य समस्याओं की जानकारी ली जावेगी। जिसके बाद उनका मकान बन सकें इसके लिए निराकरण हेतु जनसभा प्रयास करेगी। इसके लिए जनसभा एक विशेष प्रभारी की नियुक्ति करेगी जिसके देखरेख में सारी जानकारी का संग्रहण किया जावेगा।

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