रायपुर / होस / होली विशेषांक / दीपक टंडन की कलम / छत्तीसगढ़ प्रदेश में बृजमोहन अग्रवाल नेता प्रतिपक्ष न होते हुए भी विधायक दल के नेता के समान भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। अब माना जा रहा है कि उनके नेता प्रतिपक्ष बन जाने के साथ ही सदन में विपक्ष के रूप में भाजपा तेज तर्रार व दमदार साबित हो सकती है।
छत्तीसगढ़ के बजट सत्र का समय पूर्व समाप्त होना नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को भारी पड़ा। मुख्यमंत्री भूपेश बघले और उनकी टीम ने बजट सत्र समाप्त होने के बाद उत्तरप्रदेश में डेरा डाल दिया और वहां मौजूदा भाजपा सरकार की वापसी को कठिन बना दिया है। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व इससे बेहद नाराज है। उसका असर छत्तीसगढ़ की सियासत पर पड़ा और नेता प्रतिपक्ष बदल दिए गया। धरमलाल कौशिक को हटाकर तेज तर्रार नेता बृजमोहन अग्रवाल को छत्तीसगढ़ का नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि 7 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च को समाप्त होगा। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्ष के रूप में भाजपा को विफलता का मामला प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी के पास पहुंचा था। बताया गया है कि नेता प्रतिपक्ष इस सत्र के दौरान प्रतिपक्ष का दायित्व सही तरीके से नहीं निभा पाए। ऐसे में सदन के भीतर भाजपा पूरी तरह निरीह नजर आ रही थी। कई विधायकों ने भी यह शिकायत की थी कि उनके क्षेत्र के गंभीर सवाल भी सदन में शामिल नहीं हो पाए। उन पर चर्चा नहीं हो पाई। पुरंदश्वरी ने इसकी जांच अपने पर भी कराई। तथ्य सच पाए जाने पर उन्होंने केन्द्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपो और उसके बाद धरमलाल कौशिक को हटाने का फैसला किया गया। भाजपा सूत्रों के अनुसार विपक्ष की सियासत की बात करें तो 14 सदस्यों वाले भाजपा विधायक दल में सबसे अधिक प्रभावी विधायकों का दल बृजमोहन के साथ है। इनमें नारायण सिंह चंदेल, शिवरतन शर्मा, अजय चंद्राकर जैसे नेता शामिल हैं। इन नेताओं के साथ मिलकर श्री अग्रवाल नेता प्रतिपक्ष न होने हुए भी विधायक दल के नेता के समान भूमिका में थे। अब माना जा रहा है कि उनके नेता प्रतिपक्ष बन जाने के साथ ही सदन में विपक्ष के रूप में भाजपा तेज तर्रार व दमदार साबित हो सकती है।
