राजनांदगांव जिले के अम्बागढ़ चौकी क्षेत्र के ग्राम जरहाटोला के एक खेत में छिड़के कीटनाशक दवा से लगभग 200 पक्षियों की मौत होने का मामला सामने आया है। वन विभाग ने किसान के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
फसल को कीड़ो से बचाने दवा का छिड़काव करने से दर्जनों पक्षियों की मौत का मामला सामने आया है। अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम पंचायत रंगकठेरा के आश्रित ग्राम जरहाटोला में एक किसान द्वारा अपने खेत में जहरीला दवा डाला गया था। जिसका पानी पीकर और धान खाकर लगभग 200 से अधिक तोता, गौरैया, कौवा आदि कई संरक्षित पक्षियों की मौत हो गई है। इस घटना की सूचना मिलते ही फारेस्ट विभाग का अमला मामले की जांच में जुटा हुआ है। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि किसान के खेत में बेहद जहरीली दवा का छिड़काव किया गया था, जो मानक दर से अधिक था। जैसे ही प्यासे पक्षी खेत का पानी पीये, वैसे ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
अंबागढ़ चौकी विकासख के जरहाटोला में किसान के खेत में मरे सैकड़ों तोता, कौवा, गौरेया आदि दुर्लभा पक्षियों के दर्दनाक मौत के बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और तड़प रहे लगभग आधा दर्जन पक्षियों की जान बचाने के प्रयास में जुड़ गया। वहीं वन विभाग के मौके पर पहुंचने से पहले ही सैकड़ों पक्षियों ने दम तोड़ दिया था। वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि किसान के द्वारा फोरेट कीटनाशक के साथ कुछ अन्य कीटनाशक का उपयोग किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। मामले की जांच के लिए पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह जहरीले कीटनाशक के छिड़काव के चलते हो सकता है। हालांकि पूरी बात जांच के बाद सामने आएगी।
किसान द्वारा अपने खेत में कीटनाशक फोरेट मिलाकर छिड़काव किया गया था। वहीं बारिश नहीं होने से कीटनाशक धान में उपर ही रहा गया। माना जा रहा है कि पक्षियों के पत्तों को खाने और खेत का पानी पीने के चलते उनकी मौत हुई होगी, जिसकी जांच कि जा रही है। वहीं किसान के बताए अनुसार जिस दवा का उपयोग किया गया था उसका पंचनामा तैयार कर कार्यवाही की जा रही है। वन विभाग ने किसान के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।