बिलासपुर / राजस्व विभाग के अफसरों और भूमाफिया की मिलीभगत का जांच पड़ताल के दौरान पर्दाफाश होने लगा है। राजस्व दस्तावेज में हेराफेरी कर मोपका व लिंगियाडीह के सरकारी भूखंडों को बड़े पैमाने पर दूसरे के नाम कर दिया गया है। कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देश पर शासकीय भूखंडों के भौतिक सत्यापन के साथ ही राजस्व दस्तावेज की पड़ताल भी की जा रही है। दस्तावेज के सर्वे के दौरान चौकाने वाली जानकारी भी सामने आ रही है।
मोपका के एक शासकीय भूखंड को निजी व्यक्ति के नाम में राजस्व दस्तावेज में चढ़ा दिया गया है। राजस्व अफसरों का कहना है कि इस जमीन का बाजार मूल्य तकरीबन 40 करोड़ रुपये है। शासकीय भूमि को राजस्व दस्तावेज में नए सिरे से चढ़ाने का काम किया जा रहा है। मोपका व लिंगियाडीह में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों का बंदरबाट की गई है। विवाद और फर्जीवाड़े को देखते हुए कलेक्टर ने दोनों जगहों के कुछ खसरा नंबर की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी है।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बिलासपुर सौरभ कुमार के निर्देशन में बिलासपुर स्थित शासकीय एवं विवादित भूमियों के संबंध में विवाद एवं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ग्राम मोपका, चिल्हाटी, लिगियाडीह, लगरा आदि की जांच अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) बिलासपुर द्वारा की जा रही है। ग्राम मोपका स्थित भूमि खसरा नंबर 845 / 1/न एवं 845/1/ झ, 1859 / 1 तथा चिल्हाटी स्थित भूमि खसरा नंबर 224 / 380 के समस्त बटाकंन पर छह सितंबर को खरीदी बिक्री पर रोक लगाई गई है।
यह शासकीय भूमि तथा निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज है। ग्राम मोपका के खसरा नंबर 1053 जो निस्तार पत्रक में चराई मद में दर्ज है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा नंबर 1053 /एक रकबा 4.761 हेक्टेयर भूमि सुरेखा खोटले पति प्रकाश खोटले के नाम पर दर्ज है। प्रारंभिक जांच मे यह पाया गया कि यह भूमि मूलत: शासकीय चराई मद की है। इसे गलत तरीके से सुरेखा खोटले पति प्रकाश खोटले के नाम पर दर्ज किया गया है। जांच के बाद शासकीय मद में पूर्ववत किया गया। उक्त भूमि की अनुमानित कीमत तकरीबन 40 करोड़ स्र्पये होती है।