बिलासपुर / महिला ने शिक्षक के पद पर भर्ती के लिए डाक के माध्यम से आवेदन भेजा। डाक घर से आवेदन दूसरे पते पर भेज दिया गया। इसके कारण महिला भर्ती प्रक्रिया से वंचित हो गई। इसे लेकर उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद पेश किया। फोरम ने मामले में मुख्य डाकघर बिलासपुर के अधीक्षक पर जुर्माना लगाया है।
उसलापुर ओवरब्रिज के पास बालाजी परिसर के रहने वाली नीता शर्मा ने एजुकेशन में डिप्लोमा लिया है। जांजगीर-चांपा राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा 29 सितंबर 2012 को स्वयंसेवक व विशेष स्रोत शिक्षक समावेसिक पद के लिए विज्ञापन निकला गया। नीता उस पद के लिए योग्य थीं। उन्होंने नौकरी के लिए आवेदन किया। उस आवेदन को 22 अक्टूबर 2012 को पंजीकृत डाक से जिला मिशन संचालक राजीव गांधी शिक्षा मिशन जांजगीर चांपा के पते पर जमा करना था। नीता ने अपने आवेदन को छह अक्टूबर 2012 को पंजीकृत डाक से कचहरी पोस्ट आफिस बिलासपुर से भेजा। कुछ समय बाद उन्होंने जांजगीर जाकर अपने आवेदन के बारे में जानकारी ली। तब पता चला कि डाक उस पते पर पहुंचा ही नहीं था। नीता को डाक वापस प्राप्त भी नहीं हुआ। इससे परेशान होकर उन्होंने छह दिसंबर 2012 को डाक घर से लिखित में जानकारी मांगी। डाक अधीक्षक ने 14 दिसंबर 2012 को डाक को सही पते पर भेजने की जानकारी दी। इसके बाद पीड़िता ने अलग-अलग विभाग में शिकायत की। इसके कारण जिला मिशन संचालक राजीव गांधी शिक्षा मिशन जांजगीर चांपा के अधिकारियों के साथ विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी। उन्होंने 10 जनवरी 2013 को अपने डाक रिसीविंग की हस्ताक्षर युक्त सत्यापित प्रति मांगी।
इस बार डाक अधीक्षक ने जानकारी दी कि उसका डाक जिला मिशन संचालक राजीव गांधी शिक्षा मिशन जांजगीर चांपा के पते पर न देकर आयुक्त आदिवासी विभाग कार्यालय में भेज दिया गया था। मानवीय भूल होने की बात स्वीकार की। इस पर नीता ने सेवा में कमी का आरोप लगाकर जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की। फोरम ने मामले की सुनवाई करते हुए अधीक्षक, मुख्य डाक घर बिलासपुर को डाक शुल्क व क्षतिपूर्ति राशि दस हजार रुपये प्रदान करने व परिवाद व्यय दो हजार रुपये देने का आदेश दिया है।