रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में जांच एजेंसियों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में मनीलॉन्ड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूरी कार्रवाई को ही खारिज कर दिया है। अलग-अलग याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में ईडी की ईसीआईआर और एफआईआर से यह पता चलता है कि कोई अपराध नहीं हुआ है और अपराध से कोई आय नहीं की गई है। इसलिए मनीलॉन्ड्रिंग का कोई केस नहीं बनता है और हम आपके केस को रद्द करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की डबल बेंच ने इस मामले को सुना।
सोमवार को अलग-अलग याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई के बाद फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, बेटे यश टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, उनकी पत्नी करिश्मा ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंघानिया ने 6 याचिकाएं लगाई थीं। इन याचिकाओं की सुनवाई में ही यह आदेश हुआ है। दूसरी तरफ रायपुर कोर्ट में सोमवार को दोबारा रिमांड के लिए पेश किए गए अनवर ढेबर और अरविंद सिंह की रिमांड राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने हासिल कर ली है।