नई दिल्ली: जगत के संचालक भगवान विष्णु को समर्पित ‘देवशयनी एकादशी’ का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। ज्योतिषियों के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी आती हैं जिनमें से देवशयनी एकादशी को बहुत ही शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली देवशयनी इस साल 17 जुलाई 2024, बुधवार को पड़ रही है।
इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि एकादशी का व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन साधक पूजा के दौरान कुछ खास फूलों को अर्पित कर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। तो आइये जान लेते हैं कि देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि को कौन से फूल अर्पित करने चाहिए।
शंखपुष्पी के फूल
जगत के पालनहार भगवान विष्णु को शंखपुष्पी का फूल अति प्रिय है। भगवान विष्णु को शंखपुष्पी के फूल चढ़ाने से घर में बरकत आती है। देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु को शंखपुष्पी के फूल जरूर अर्पित करें।
गेंदे के फूल
भगवान श्री हरि विष्णु को गेंदा का फूल अर्पित करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन उन्हें गेंदे के फूलों की माला जरूर अर्पित करनी चाहिए। इससे जीवन में भक्ति, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कमल के फूल
कमल के फूल भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी को भी अति प्रिय है। एकादशी के दिन श्री हरि को कमल के फूल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है।
देवशयनी एकादशी का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी का बड़ा धार्मिक महत्व हैं। मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन से ही पूरे चार महीनों तक के लिए भगवान श्री विष्णु विश्राम के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। भगवान श्री हरि के शयनकाल के इन चार महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है।
चातुर्मास में शुभ कार्य रहते हैं वर्जित
इन चार महीनों में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास शामिल हैं। चातुर्मास के आरंभ होने के साथ ही अगले चार महीनों तक शादी-ब्याह आदि सभी शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है। हालांकि इस दौरान तीर्थ यात्रा करना, स्नान-दान करना तथा भगवान का ध्यान करना शुभ माना जाता है।