रायपुर।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर स्थानीय निकाय एवं पंचायत चुनावों की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बघेल ने चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर कई मुद्दों को उठाया है, जिनमें EVM का प्रयोग, VVPAT की अनुपस्थिति, मशीनों की प्रोग्रामिंग और चुनाव परिणाम जारी करने की प्रक्रिया शामिल हैं।
उन्होंने EVM और VVPAT को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर चुनावों में VVPAT का प्रयोग नहीं किया जाएगा, तो यह चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
एक मशीन पर दो मत डालने का प्रावधान भी उनकी चिंता का विषय रहा। उन्होंने कहा कि मतदाता को महापौर/अध्यक्ष और पार्षद दोनों के लिए एक ही EVM पर वोट डालने होंगे। बघेल के अनुसार, ऐसा संभवतः भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली बार हो रहा है। उन्होंने इसे मतदाताओं के लिए भ्रम का कारण बताते हुए कहा कि बिना उचित प्रशिक्षण या जागरूकता अभियान के यह प्रक्रिया उचित नहीं है।
इसके साथ ही, उन्होंने पूछा कि EVM मशीनों के मेंटेनेंस और नई प्रोग्रामिंग का जिम्मा किस एजेंसी को दिया गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की मांग की कि क्या यह एजेंसी केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत है।
भूपेश बघेल ने चुनाव परिणाम जारी करने की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी चुनावों के परिणाम अंतिम चुनाव के बाद घोषित किए जाते हैं ताकि एक चुनाव का प्रभाव दूसरे पर न पड़े। लेकिन, स्थानीय चुनावों में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है।
भूपेश बघेल के इन सवालों ने स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों की प्रक्रिया को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अब देखना होगा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त इन सवालों पर क्या जवाब देते हैं।