बिलासपुर। पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले रायपुर की ACB कोर्ट ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट में जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
सतीश चंद्र वर्मा ने ACB-EOW द्वारा दर्ज नई एफआईआर के खिलाफ अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। इससे पहले निचली अदालत में जिला सत्र न्यायाधीश निधि शर्मा ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था।
ईडी ने लगाया गंभीर आरोप
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में गंभीर आरोप लगाए थे। ईडी ने बताया कि छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम (पीडीएस) घोटाले में आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल कुमार टुटेजा और आलोक शुक्ला अक्टूबर 2019 में जमानत के लिए हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश के संपर्क में थे।
ईडी का दावा है कि तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा इन दोनों अधिकारियों और न्यायाधीश के बीच संपर्क स्थापित करने में शामिल थे। जांच एजेंसी के अनुसार, इन तीनों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
कानूनी संकट में फंसे पूर्व महाधिवक्ता
ACB और ईडी की जांच के बाद अब हाईकोर्ट से भी जमानत न मिलने से सतीश चंद्र वर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब देखना होगा कि वह आगे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे या कोई और कानूनी रास्ता अपनाएंगे।