चार वोट से शुरू हुआ सफर, 5000 वोट से ऐतिहासिक जीत!
चिरमिरी। राजनीति में कहते हैं— संघर्ष ही सफलता की नींव रखता है! इस कहावत को चरितार्थ किया है भाजपा प्रत्याशी रामनरेश ने, जिन्होंने चिरमिरी महापौर चुनाव में लगभग 5000 वोटों से कांग्रेस को पटखनी देकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। लेकिन यह जीत सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि रामनरेश की अथक मेहनत और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की बेजोड़ रणनीति का नतीजा थी।
चार वोट से झटका, 5000 वोट से धमाका!
आज जो रामनरेश महापौर की कुर्सी तक पहुंचे हैं, कभी उन्हीं को पार्षद चुनाव में मात्र 4 वोट मिले थे। हां, सिर्फ चार वोट! लेकिन हार से सीख लेकर, संघर्ष की लौ को और प्रज्वलित किया, संगठन में अपनी जगह बनाई और आखिरकार 5000 वोटों की शानदार जीत से राजनीति में नया इतिहास रच दिया।
जब भाजपा में ही रामनरेश पर उठे सवाल…
इस जीत की राह आसान नहीं थी! रामनरेश भाजपा संगठन की पहली पसंद नहीं थे। यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की भी पहली पसंद कोई और थे। मगर जब पार्टी ने रामनरेश को टिकट दिया, तो जायसवाल ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया और चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंक दी।
श्याम बिहारी जायसवाल की ‘मास्टरस्ट्रोक’ रणनीति
राजनीति सिर्फ टिकट मिलने से नहीं, बल्कि चुनावी रणभूमि में दमखम दिखाने से जीती जाती है। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह सिद्ध कर दिया कि वह सिर्फ संगठन के नेता नहीं, बल्कि जनता के दिलों में जगह बनाने वाले रणनीतिकार भी हैं।
- चुनाव प्रचार में कोई कोना नहीं छोड़ा।
- घर-घर जाकर वोट मांगे, गली-मोहल्लों में लोगों से सीधा संवाद किया।
- बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ बनाई और कार्यकर्ताओं को पूरी ताकत से मैदान में उतारा।
चिरमिरी नगर पालिक निगम में पार्षदों की स्थिति
महापौर चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के साथ-साथ नगर निगम में भी भाजपा का दबदबा कायम रहा। कुल 40 वार्डों में भाजपा ने 27 वार्डों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को 11 वार्डों में संतोष करना पड़ा। 2 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी।
भाजपा के विजयी पार्षद
1. संतोष सिंह (वार्ड-01)
2. राम अवतार (02)
3. जोगेश्वरी देवांगन (03)
4. रुक्मणि सिंह (05)
5. संदीप सोनवानी (06)
6. कलावती (07)
7. मोती प्रधान (08)
8. दीपा जायसवाल (09)
9. नरेंद्र साहू (10)
10. बाबी (11)
11. पूर्वा स्थापक (12)
12. मनोज डे (13)
13. देवकरण सिंह (15)
14. पूजा सिंह (16)
15. अनुसुइया चौहान (17)
16. भागवत निर्मलकर (19)
17. रंजीत कुमार (20)
18. गंगा प्रसाद (25)
19. हीराबाई चौहान (26)
20. नीलम सलूजा (28)
21. मनीष खटीक (29)
22. संध्या सोनवानी (31)
23. सरोज पनिका (32)
24. बिंदु यादव (33)
25. आयुषी सिंह (35)
26. संजीत सिंह (38)
27. संगीता सेन (39)
कांग्रेस के विजयी पार्षद
1. गुलाम साबिर (04)
2. माधुरी कश्यप (14)
3. सैयद अनीश (18)
4. मो. इकराम (23)
5. शहाबुद्दीन (24)
6. बबली सोनमान (27)
7. सन्नी चौहथा (30)
8. राहुल भाई पटेल (34)
9. इम्तियाज अहमद गुड्डू (36)
10. दीपा दुबे (37)
11. गायत्री बिरहा (40)
निर्दलीय पार्षद
1. शालिनी कश्यप (21)
2. रुक्मणि केवट (22)
नेतृत्व वही जो हार को जीत में बदले!
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह साबित कर दिया कि नेता केवल टिकट दिलाने वाला नहीं, बल्कि अपनी टीम को जीत की मंजिल तक पहुंचाने वाला होना चाहिए। अगर उन्होंने अंतिम समय तक पूरी ताकत नहीं लगाई होती, तो यह सीट कांग्रेस के खाते में भी जा सकती थी।
अब जब रामनरेश महापौर बन चुके हैं, तो चिरमिरी में सिर्फ एक ही चर्चा है—
चार वोट से शुरू हुआ सफर, 5000 वोट से ऐतिहासिक जीत!