रायपुर, 20 फरवरी 2025:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विदेशी फंडिंग की ‘मिस्ट्री’ पर से पर्दा हटाने का फैसला कर लिया है! उनका कहना है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के नाम पर आने वाला पैसा कहीं धर्मांतरण की ‘ट्यूशन’ में न चला जाए, इसकी कड़ी निगरानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन जब लोग ‘चंगाई’ (चमत्कारी इलाज) के नाम पर धर्म परिवर्तन का ‘ऑफर’ देने लगें, तो यह संविधान के लिए भी सिरदर्द बन जाता है।
विदेशी फंडिंग का ‘सीक्रेट मिशन’!
श्री साय ने विदेशी फंडिंग के गुप्त खेल का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कुछ एनजीओ ‘अच्छे काम’ की आड़ में ‘अलग ही काम’ कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी USAID जैसी संस्था पर ताले लग चुके हैं, अब बारी भारत की है!
“संदिग्ध एनजीओ— सावधान!”
मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि जिन एनजीओ को विदेशी फंडिंग मिल रही है, उनकी गहन जांच होगी। अगर कोई ‘सेवा’ की जगह ‘धर्मांतरण’ की स्कीम चला रहा है, तो कानून अपना काम करेगा।
धर्मांतरण पर ‘सख्त एक्शन’, सांप्रदायिक सौहार्द है ‘फर्स्ट प्रायोरिटी’
सरकार ने चेतावनी दी है कि जबरन धर्मांतरण करने वालों की ‘छुट्टी’ तय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी धर्मों का सम्मान होगा, लेकिन ‘धार्मिक धांधली’ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री की चेतावनी साफ है— विदेशी फंडिंग का हर ‘रुपया’ जांच के दायरे में होगा। अब एनजीओ को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि ‘सेवा’ की आड़ में कोई ‘खेल’ नहीं चलने दिया जाएगा!