Monday, March 17, 2025
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विधानसभा में धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग पर हंगामा, सरकार सख्त, बनेगा देश का सबसे सख्त धर्मांतरण कानून – HM विजय शर्मा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग का मुद्दा गरमा गया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान सवाल उठाया कि क्या गैर-सरकारी संगठनों (NGO) को मिलने वाली विदेशी आर्थिक सहायता का उपयोग मतांतरण (धर्मांतरण) के लिए किया जा रहा है? इस पर सरकार ने कड़ा रुख़ अपनाते हुए साफ कर दिया कि विदेशी फंडिंग पर पूरी निगरानी रखी जा रही है और अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई की जाएगी।

गृहमंत्री विजय शर्मा का बड़ा खुलासा

इस मुद्दे पर सदन में जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि—

  • पहले 364 संस्थाओं को विदेशी फंडिंग प्राप्त होती थी।
  • इनमें से 84 संस्थाओं की विदेशी फंडिंग पर रोक लगा दी गई है।
  • 127 संस्थाओं का विदेशी योगदान (FCRA) लाइसेंस समाप्त कर दिया गया है।
  • वर्तमान में 153 संस्थाओं को विदेशी फंडिंग मिल रही है, जिसकी निगरानी की जा रही है।

गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि विदेशी फंड की निगरानी केंद्र सरकार करती है, लेकिन यदि किसी संस्था पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का संदेह होता है, तो राज्य सरकार भी जांच कर सकती है।

शिक्षण संस्थाओं की फंडिंग की होगी जांच

गृहमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को विभिन्न सरकारी विभागों से 200 से 300 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलता है। अब इस फंडिंग के उपयोग की भी गहन जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका उपयोग किसी अवैध उद्देश्य के लिए न हो रहा हो।

छत्तीसगढ़ में बनेगा देश का सबसे सख्त धर्मांतरण कानून

गृहमंत्री विजय शर्मा ने सदन में यह भी घोषणा की कि धर्मांतरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ में देश का सबसे सख्त कानून लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार के जबरन धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं करेगी और जो भी इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक माहौल गरमाया, विपक्ष नही पक्ष ने ही साधा निशाना

आरोप हैं कि सरकार राजनीतिक एजेंडे के तहत धार्मिक मुद्दों को तूल देकर समाज में विभाजन की कोशिश कर रही है। विपक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सरकार सिर्फ एक विशेष धर्म के धर्मांतरण को रोकने पर ध्यान दे रही है, या सभी मामलों की निष्पक्षता से जांच की जाएगी?

वहीं, भाजपा विधायकों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया और मांग की कि राज्य में धर्मांतरण को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएं।

राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग का मुद्दा और गरमाएगा। सरकार इस मामले में सख्त कानून लाने की तैयारी में है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक एजेंडा बताकर विरोध कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने फैसलों पर कितना अमल कर पाती है और इसका प्रदेश की सामाजिक संरचना पर क्या असर पड़ता है।

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