नई दिल्ली / चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि प्रारंभ होती हैं. इसी दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है और गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाता है. वहीं आखिरी दिन यानी कि नवमी को प्रभु राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इसलिए इसे राम नवमी कहते हैं. हिंदुओं के लिए यह बहुत बड़ा दिन होता है. इस साल राम नवमी पर्व 6 अप्रैल 2025, रविवार के दिन मनाया जाएगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार नवमी तिथि का प्रारंभ 5 अप्रैल 2025 को शाम 07:26 बजे से होगा और नवमी तिथि का समापन 6 अप्रैल 2025 को शाम 07:22 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जाएगी. राम नवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:08 से दोपहर 01:39 के बीच रहेगा. राम नवमी मध्याह्न का क्षण दोपहर 12:24 पर रहेगा. प्रभु श्रीराम का जन्म दिन में ही अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. इसलिए राम नवमी की पूजा अभिजीत मुहूर्त में करने का विशेष महत्व है.
राम नवमी पर पूजा का अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:58 से दोपहर 12:49 तक.
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से दोपहर 03:20 के बीच.
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:41 से 07:03 के बीच.
संध्याकाल मुहूर्त: शाम 06:41 से रात्रि 07:50 के बीच.
शुभ योग: रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग पूरे दिन रहेगा.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी कब
वहीं चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी तिथि 5 अप्रैल 2025 और महानवमी 6 अप्रैल 2025 को रहेगी. पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 4 अप्रैल की रात 08:12 बजे से प्रारंभ होकर 5 अप्रैल की शाम 07:26 तक रहेगी. इसी दिन हवन और कन्या पूजन की जाती है. माता को उनका प्रिय भोग नारियल, चना पूड़ी का प्रसाद चढ़ाया जाता है. साथ ही संधि काल में भी माता की पूजा की जाती है.