बिलासपुर। डीकेएस जिला अस्पताल के डॉक्टर प्रवेश शुक्ला की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य शिक्षा सचिव सहित तीन अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की गई है।
शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था। वहां से एम्स रायपुर रेफर करने पर डॉ. प्रवेश शुक्ला पर सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए शासन ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। अस्पताल में लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डॉ. शुक्ला ने मरीज को एम्स रेफर किया था। सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए शासन ने उनकी सेवा समाप्त करने के साथ ही थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
डॉक्टर शुक्ला ने अपनी बर्खास्तगी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने पाया कि बिना विभागीय जांच और पर्याप्त सुनवाई का अवसर दिए बिना की गई यह कार्रवाई अवैध है और बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद डॉक्टर को बहाल नहीं किया गया, जिसके बाद उन्होंने अवमानना याचिका दायर की।
याचिका में डॉक्टर शुक्ला ने बताया कि कोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने सचिव सहित संबंधित अधिकारियों को कई बार नौकरी पर पुनः बहाल करने और बकाया वेतन के भुगतान के लिए आवेदन दिया, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित कटारिया, कमिश्नर चिकित्सा शिक्षा किरण कौशल और डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रायपुर की अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा को अवमानना नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई में इन अधिकारियों को अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा।