नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में गुस्से की लहर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “अब यह तय हो गया है — पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” मोदी का यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी है, बल्कि देशवासियों को यह आश्वासन भी है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा और अपने वीर जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देगा।
सेनाओं को अलर्ट मोड पर रखा गया
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल सैन्य कार्रवाई को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है, लेकिन तीनों सेनाओं — थल, जल और वायु — को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखा गया है। सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है और सभी संभावित गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
जल समझौते पर पुनर्विचार की तैयारी
प्रधानमंत्री के बयान से यह संकेत भी मिला है कि भारत सिंधु जल संधि पर दोबारा विचार कर सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति पर पुनर्विचार हो, खासकर जब वह भारत की सुरक्षा को चुनौती देता रहा है।
राजनीतिक सहमति और जनता का समर्थन
प्रधानमंत्री की इस कड़ी चेतावनी को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। विपक्षी नेताओं ने भी इस कठिन समय में सरकार के साथ खड़े होने की बात कही है। देशभर में लोगों का गुस्सा चरम पर है और जनता सेना तथा सरकार से ठोस कदम की अपेक्षा कर रही है।
आगे की रणनीति पर सरकार का मंथन जारी
सरकार की उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है और पाकिस्तान को जवाब देने की रणनीति पर गहन मंथन हो रहा है। हालांकि कार्रवाई की समयसीमा का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत अब निर्णायक कदम की ओर बढ़ रहा है।