रायपुर, 24 जून 2025।
उत्तरप्रदेश के वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह परिषद केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय का सशक्त मंच बन चुकी है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित मध्य भारत के विकास को नई दिशा मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में परिषद का ठोस योगदान रहा है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा, सांस्कृतिक पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास में परिषद की भूमिका निर्णायक रही है।

नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार और बस्तर में विकास का नया युग
मुख्यमंत्री ने नक्सल समस्या पर कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। बसवराजू और सुधाकर जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के मारे जाने को उन्होंने नक्सलवाद की रीढ़ टूटने जैसा बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के लिए बोधघाट-महानदी-इंद्रावती लिंक जैसी हजारों करोड़ की परियोजनाएं प्रगति पर हैं। रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना को मिली मंजूरी भी इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
सुगम सेवाएं, मजबूत पंचायतें और औद्योगिक निवेश में छलांग
मुख्यमंत्री ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 28 नई बैंक शाखाएं, डॉयल-112 सेवा का विस्तार और 82 हजार बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने जैसे कार्य हुए हैं। बस्तर पंडुम और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों से स्थानीय खेल और सांस्कृतिक प्रतिभाओं को मंच मिला है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 87.2% लोगों को कार्ड वितरित किए गए हैं और 1,075 में से 1,033 सरकारी अस्पताल योजना से जोड़े जा चुके हैं।
नई औद्योगिक नीति के तहत छत्तीसगढ़ को अब तक 5.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें 3.5 लाख करोड़ केवल पावर सेक्टर से हैं। राज्य देश में विद्युत उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और 2030 तक पहले स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 23 घंटे 27 मिनट और शहरी क्षेत्रों में 23 घंटे 51 मिनट की बिजली आपूर्ति हो रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 6 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य जारी है।
राज्य में 1.5 लाख से अधिक सोलर कृषि पंप किसानों को सिंचाई सुविधा दे रहे हैं। एनडीडीबी के साथ एमओयू के जरिये दुग्ध उत्पादन में बड़ा विस्तार होगा। अटल डिजिटल सेवा केंद्र पंचायतों में डिजिटल सुशासन का सेतु बन रहे हैं और लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के प्रभावी क्रियान्वयन से सेवाएं पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से मिल रही हैं।
बस्तर में अगली बैठक, समावेशी विकास का प्रतीक
बैठक के दौरान यह घोषणा की गई कि अगली मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक छत्तीसगढ़ के बस्तर में आयोजित की जाएगी। यह निर्णय देश के दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण अंचलों को नीति-निर्धारण की मुख्यधारा में लाने की ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है। बस्तर जैसे क्षेत्र में इस स्तर की बैठक का आयोजन समावेशी विकास और सुशासन की नीति का स्पष्ट संकेत है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि अगली बैठक तक बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक प्रगति हो चुकी होगी। मुख्यमंत्री ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल बस्तर के लिए गौरव की बात नहीं है, बल्कि इससे क्षेत्र के विकास को नई ऊर्जा भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर अब संघर्ष नहीं, संभावनाओं का प्रतीक बनने की ओर बढ़ रहा है।